बिल्लो रानी का किरदार करना चैंलेज का काम था - निरहुआ
भोजपुरी सिनेमा के सिल्वर जुबली सुपरस्टार दिनेशलाल यादव निरहुआ भोजपुरी के प्रति समर्पित कलाकार है और वो चाहते हैं कि भोजपुरी सिनेमा का स्थान ग्लोबल सिनेमा के नाम से पहचाना जाए। वो धड़ाधड़ ज्यादा फिल्में करने में विश्वास नहीं करते पर चाहते हैं कि केवल अच्छी टेकनिक वाली फिल्में ही की जाए। इन्हीं खासियतों के कारण आज भोजपुरी कलाकारों में उनका नाम शीर्ष स्थान पर लिया जाता है। उनके होम प्रोडक्शन की फिल्म निरहुआ के प्रेम के रोग भइल बिहार में रिलीज व सुपरडुपर हीट होने के बाद मुंबई सहित शेष भारत में जल्द ही रिलीज होने जा रही है। फिल्म का मुंबई हुए प्रीमियर के दौरान पूरी फिल्म इंडस्ट्री मौजूद थी। सभी ने एक स्वर में फिल्म की सराहना की। साथ ही निरहुआ द्वारा बिल्लो रानी के अभिनीत किरदार को भी सभी ने अदभुत माना क्योंकि यह किरदार करना निरहुआ के लिए ही संभव था। वैसे तो फिल्म इंडस्ट्री में अब तक बिल्लो रानी के रुप में बिपाशा बसु को ही याद किया जाता है पर इस फिल्म के बाद भोजपुरी सिनेमा के लंबे समय तक निरहुआ के इस किरदार बिल्लो रानी को भी याद रखा जाएगा। हाल ही में निरहुआ से फिल्म के प्रिमियर के दौरान इस फिल्म व उनके कैरियर को लेकर बातचीत हुई। पेश हैं उस बातचीत के प्रमुख अंश -
क्या फिल्म प्रेम के रोग भइल की सफलता से आप कैसा महसूस कर रहे हैं ?
मैं केवल इतना जानता हूं कि मैंने इस फिल्म के लिए कड़ी मेहतन की है और यदि आप अपना काम ईमानदारी व समर्पित भाव से करते हैं तो आप कभी अनुर्तिण नहीं हो सकते। यही कारण है कि मेरी फिल्में बॉक्स आफिस पर हमेशा सफल होती है। मैं इस फिल्म के लिए पूर्ण रूप से विश्वास में था कि फिल्म सफल रहेगी। मुझे जब बिहार से जानकारी मिली कि मेरी फिल्म प्रेम के रोग भइल बंपर रिस्पॉंस के साथ शुरु हुई है तो मुझे स्वाभाविक खुशी हुई। बिहार के ३२ सिनेमाघरों में यह फिल्म प्रदर्शित हुई है व इसका रिजल्ट १०० प्रतिशत से ऊपर आ रही है। हमारी फिल्म के निर्देशक फारोग अहमद सिद्धकी जी ने अपना काम बड़ी जवाबदारी के साथ निभाया है।
इस फिल्म में आपका बिल्लो रानी वाला किरदार किससे प्रभावित होकर किया है ?
यह किरदार अन्य फिल्मों में निभाए गए किरदार से हटके है। फिल्म में एक अच्छा संदेश व स्वस्थ्य मनोरंजन है। यदि सच कहूं तो यह किरदार करना मेरे लिए बहुत ही चुनौति भरा था जो मैंने स्वीकार किया व उसे बड़ी ही इमानदारी से निभाया है। जिसका रिजल्ट आपके सामने है।
फिल्म दर्शकों को क्या संदेश देती है ?
यदि कोई आदमी किसी बात को ताकत से हल करना चाहता है तो वह असफल रहता है। यदि वही बात प्यार, मोहब्बत व शांति से करते हैं तो जरुर सफल होते हैं। इस फिल्म में मैं जिस पूजा से प्यार करता हूं वह एक बाहुबली की लड़की है। वह बाहुबली नहीं चाहता कि उसकी लड़की की शादी मेरे साथ हो। वह मेरा विरोध करने के लिए सभी ताकतों का उपयोग कर लेता है। जब मैं लड़की के रुप में आकर उस बाहुबली का दिल जीत लेता हूं।
आपने इस फिल्म में क्या खास देखा जो आप इस फिल्म को करने के लिए तैयार हो गए ?
पहली बार फारोग सिद्धिकी से कहानी सुनते ही मैं बेहद प्रभावित हो गया था। मुझे महसूस हुआ कि यह एक परिपूर्ण कहानी है और जिंदगी से जुड़ी है। इस प्रकार का किरदार मैंने पहले भी कर चूका हूं पर इस फिल्म की कहानी एकदम से अलग है और दर्शक इसमें एक नए निरहुआ को देखेंगे। मुझे विश्वास है कि दर्शक इस फिल्म को देखने के बाद बार-बार देखना पसंद करेंगे।
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