प्रेम का रोग भइल में पाखी हेगडे़
दूरदर्शन के हिंदी धारावाहिक मैं बनूंगी मिस इंडिया से अपना कैरियर शुरु करने वाली पाखी हेगडे इस समय रुपहरे परदे पर छाई हुई है। अब इस बात में कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि पाखी भोजपुरी दर्शकों के लिए दिलों पर एक छत्र राज कर रही है व भोजपुरी की नंबर वन हीरोइन बन गई हैं। भोजपुरी में लगातार सुपरहिट फिल्में देने के अलावा वह देश और विदेश में समान रुप से स्टेज शो भी कर रही है।
पाखी हालिया फिल्म प्रेम के रोग भइल बिहार में रिलीज होकर चार सप्ताह में सफलता के परचन लहरा चुकी है व जल्द ही मुंबई, यू पी सहित देश के अन्य भागों में रिलीज होने जा रही है।
पाखी फिल्म के बारे में कुछ इस प्रकार बताता है कि फिल्म प्रेम का रोग भइल एक रोमांटिक लव स्टोरी है। इसमें मेरा किरदार एक चुलबुली लड़की पूजा का है जो एक बड़े बाप की लड़की है। यह लड़की नॉटी व मॉड जरुर है पर वह बचपन में अपने मां के द्वारा दिए संस्कारों को भूली नहीं है। मरने से पहले इसकी मां ने जो इसे सामाजिक जिम्मेदारियां सिखाई थी उनका पालन यह आज भी कर रही है। बड़े होने के बाद उन्हीं संस्कारों का मान रखते हुए किस प्रकार अपने मां को दिए गए वचनों पर खरी उतरती है। इस बात को यह फिल्म परिमार्जित करती है। जवानी में वह एक लड़के से प्यार तो करने लगती है पर इन्हीं संस्कारों के कारण वह खुलकर उस लड़के से चाहते हुए भी, मिलना पसंद नहीं करती है। बाद में किस नाटकीय अंदाज में उस लड़के का प्यार वह पाती है। इस फिल्म में दिखाया गया है। इस फिल्म के निर्देशक है फारूख सिद्धकी जी, जो इसके पूर्व अजय देवगन को लेकर जीगर जैसी फिल्म बना चुके हैं।
पाखी हालिया फिल्म प्रेम के रोग भइल बिहार में रिलीज होकर चार सप्ताह में सफलता के परचन लहरा चुकी है व जल्द ही मुंबई, यू पी सहित देश के अन्य भागों में रिलीज होने जा रही है।
पाखी फिल्म के बारे में कुछ इस प्रकार बताता है कि फिल्म प्रेम का रोग भइल एक रोमांटिक लव स्टोरी है। इसमें मेरा किरदार एक चुलबुली लड़की पूजा का है जो एक बड़े बाप की लड़की है। यह लड़की नॉटी व मॉड जरुर है पर वह बचपन में अपने मां के द्वारा दिए संस्कारों को भूली नहीं है। मरने से पहले इसकी मां ने जो इसे सामाजिक जिम्मेदारियां सिखाई थी उनका पालन यह आज भी कर रही है। बड़े होने के बाद उन्हीं संस्कारों का मान रखते हुए किस प्रकार अपने मां को दिए गए वचनों पर खरी उतरती है। इस बात को यह फिल्म परिमार्जित करती है। जवानी में वह एक लड़के से प्यार तो करने लगती है पर इन्हीं संस्कारों के कारण वह खुलकर उस लड़के से चाहते हुए भी, मिलना पसंद नहीं करती है। बाद में किस नाटकीय अंदाज में उस लड़के का प्यार वह पाती है। इस फिल्म में दिखाया गया है। इस फिल्म के निर्देशक है फारूख सिद्धकी जी, जो इसके पूर्व अजय देवगन को लेकर जीगर जैसी फिल्म बना चुके हैं।
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