अमिताभ और विज्ञापन जगत
विज्ञापन जगत में अमिताभ की कहानी बीपीएल से शुरू होती है। यह वह दौर था जब खुली अर्थव्यवस्था के बीच विदेशी कंपनियों का भारतीय बाज़ार मे कब्जा तेजी से बढ़ रहा था। अमिताभ बच्चन ने सिनेमा से अर्जित सालों की साख का इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं की उस पुरानी सोच को नष्ट करने की कोशिश की कि विदेशी सामान ही बेहतर होता है। साख का यही इस्तेमाल उन्होंने कैडबरी के विज्ञापन में भी किया था और अपनी विश्वसनीयता से चाकलेट में कीड़ों की अफवाह को खत्म किया। अमिताभ बच्चन ने आईसीआईसीआई के आक्रामक विज्ञापन में भी कमाल का हुनर दिखाया। अपनी आदर्श छवि से उन्होंने बैंक की साख बढ़ाई। विज्ञापन का शुरू से लेकर आखिर तक एक ही मकसद होता है दर्शक को उपभोक्ता में तब्दील करना। इन सबके बीच इमोशन, रिलेशनशिप, फैमिली आदि कई मोड़ आते हैं। सिनेमा के जरिए अमिताभ बच्चन की जो आदर्श पुत्रा, पति और इंसान की इमेज बनी, वह विज्ञापनों में आदर्श स्थापित करने के काम आई।
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