छोटे परदे पर भी अमिताभ की अनूठी छटा

 इसमें कोई दोराय नहीं कि छोटे परदे पर भी अमिताभ की अनूठी छटा देखी गई। टीवी की दुनिया में अमिताभ का मतलब एक उम्मीद का कायम होना होता है। ऐसी उम्मीद जो टीवी को इडियट बॉक्स कहने से रोकती है। उनकी मौजूदगी दर्शकों के बीच एक भरोसा कायम करती है। टीवी के अमिताभ बच्चन की सबसे खास बात ये है कि वे सिल्वर स्क्रीन के अमिताभ की सेकेंड इमेज नहीं लगते। वे अपने आप में एक कंपलीट इमेज और पर्सनैलिटी हैं। शायद यही कारण है कि जब आप उन्हें नमस्कार देवियों और सज्जनों से देश के लाखों टीवी दर्शकों को संबोधित करते हुए देखते हैं, तो आपको रोटी, दीवार, जंजीर, मुकद्दर का सिकंदर, लावारिस या नब्बे के बाद के दशक के अमिताभ का ख्याल नहीं आता। उस अमिताभ का ख्याल आता है जिसकी एक खास किस्म की बॉडी और लैंग्वेज है। इसमें कोई शक नहीं कि टीवी पर केबीसी के बहाने अमिताभ बच्चन की मौजदूगी ने एक सुपरस्टार को लोगों के लिए अधिक साधारण, सहज और लोकप्रिय बनाया है। इन दिनों टीवी पर केबीसी उत्साह के साथ देखा जा रहा है।

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