कौनसी उर्जा है जो अमिताभ को ताकत देती है

 आखिर वह कौन सी उर्जा है जो अमिताभ को ताकत देती रहती है! अमिताभ कहते हैं कि काम मिलने पर ही आपके गुण और काबिलियत की चीज़ें सामने आने लगती हैं फिर आपका काम और बढ़ता है। फिल्म उद्योग में रूप, कला और बॉक्स ऑफिस तीनों को देखा जाता है। इन्हें समेटकर ही कोई फैसला लिया जाता है। हो सकता है कि मुझमें कोई कमियां रही हों, जिनकी वजह से मुझे काम न मिला हो। बीच में दो-तीन सालों तक मैंने कोई काम नहीं किया था। हां, जो सन्यास लिया, वो मुझे नहीं लेना चाहिए था। पिता जी कहा कहते थे कि समय की चक्की अनवरत चलती रहती है। कई बार मेरा मन करता है कि उस चक्की से छिटककर कहीं देखें लेकिन मेरा मानना है कि यदि एक बार चलायमान हो गए तो चलते रहना चाहिए। यह चक्की अपने आप रूक जाए या अपनी नाकामयाबी से रफके, यह अलग बात है। अनिश्चय का माहौल हमारे व्यवसाय में हमेशा बना रहता है। आगे भी ऐसा ही रहेगा। अब बूढ़े हो गए हैं हम। बूढ़ी भूमिकाएं सीमित होती हैं। जिस तरह का काम मिलेगा, वही करते रहेंगे।


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