कैंसर से डरो मत, डटकर मुकाबला करें - डॉ. पोरू ढाभर

वर्ल्ड कैंसर डे के उपलक्ष्य में ४ फरवरी, २०१९ को भायखला स्थित मसिना हॉस्पिटल में एन के ढाभर कैंसर फाउंडेशन ऑनकेयर ने कैंसर मरीजों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजित किया गया, जिसमें कई कैंसर पिडि़त मरीजों ने हिस्सा लिया था। मैनेजिंग ट्रस्ट्री डॉ. पोरू ढाभर से द्वापर प्रमोटर्स की एकता और हिमांशू झुनझुनवाला ने मिडिया से रु-ब-रु करवाया। डॉ. पोरू ढाभर से बॉलीवुड़ मार्केट के संपादक शंकर मराठे ने बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश –

० ऑनकेयर ट्रस्ट कैंसर पिडि़त मरीजों की किस तरह से देखभाल करती है ?
- एन के ढाभर कैंसर फाउंडेशन ऑनकेयर का प्रयास हर मरीज के लिए कैंसर के इलाज को बढ़ावा देना और एकीकृत करना है, चाहे वह इलाज, क्षय या टर्मिनल हो, जैसा कि हम मानते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को कैंसर के किसी भी स्तर पर देखभाल और गरिमा के साथ जीने का अधिकार है। इस मिशन को ध्यान में रखते हुए, ऑनकेयर, जो एक डे केयर कैंसर वेलनेस एंड पैलिएटिव केयर सेंटर है, मुंबई में भायखला स्थित मसिना हॉस्पिटल में शुरू किया है। ऑनकेयर पर हम हर कैंसर रोगी और उनके परिवारों को एक अच्छी गुणवत्ता की जिंदगी देने का लक्ष्य रखते हैं।

० एन के ढाभर कैंसर फाउंडेशन ऑनकेयर ट्रस्ट कब से कैंसर पेशंट की मदद कर रही है ?
- दरअसल, एन के ढाभर कैंसर फाउंडेशन ऑनकेयर साल २०११ में चार ट्रस्टी ने मिलकर शुरु किया था और अब इसके ७ ट्रस्टी है। इस ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य यही है कि कैंसर पिडि़त मरीजों की पूरी तरह से देखभाल करें और वह भी पूरी तरह से फ्री में। इस ऑनकेयर सेंटर में मरीजों के साथ उनका एक रिश्तेदार भी रह सकता है। कैंसर के साथ रहने वाले लोगों के जीवन में सुधार करने के लिए सकारात्मक उपचार देना और उनके कैंसर की यात्रा पर उन्हें सहायता प्रदान करते हैं।

० ऑनकेअर का मुख्य उद्देश्य क्या हैं ?
- ऑनकेयर कैंसर के बारे में जागरूकता पैदा करता है, अधिकतम संख्या में रोगियों को ऑनकेयर और इसकी गतिविधियों का लाभ ले सकें।  गरीब पेशंट के ट्रीटमेंट के लिए ज्यादा से ज्यादा आर्थिक मदद करें। साथ ही मेडीसीन के लिए भी मदद करते है। योगा, कला और संगीत थेरेपि आदि जैसी विभिन्न गतिविधियों से मरीजों का मन थोडे टाइम के लिए बना रहता है।

० ऑनकेअर में कैंसर पिडित मरीजों को किस तरह मदद की जाती है?
- ऑनकेयर में डे केयर में २०-२५ मरीजों को सेवा दी जाती है। जिसमें उनको कैंसर के बारे में डटकर सामना करने के बारे में बताया जाता है। कैंसर से डरो मत, डटकर मुकाबला करें।

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