‘दोस्ती के साइड इफेक्ट्स’ में ४ दोस्तों की मस्तीभरी कहानी
Rating - 3 Star ***
‘दोस्ती के साइड इफेक्ट्स’ ८ फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म के नाम में ही कहानी छुपी हुई है। इसमें फिल्म ४ दोस्तों की कहानी है...जिनके अपने-अपने सपने हैं ..और सभी अपने सपनों को हकीकत बनाने के लिए अपना-अपना रास्ता अख्तियार करते हैं। सबकी अपनी-अपनी कहानी है..लेकिन सबसे खास है सपना चौधरी का किरदार। क्योंकि ‘दोस्ती के साइड इफेक्ट्स’ में सपना चौधरी पुलिस अफसर की भूमिका में है और ज़बरदस्त एक्शन करती नज़र आ रही हैं। धमाकेदार एक्शन करती हुई नज़र आ रही हैं।
बैनर - शेयर हैप्पीनेस फिल्म्स, निर्माता - जोयल डेनियल, निर्देशक - हादी अली अबरार, कलाकार - सपना चौधरी, विक्रांत आनंद ,ज़ुबैर के ख़ान ,अंजू जाधव ,ख़ुशी आनंद ,नील मोटवानी और साई भल्ला। संगीत - अल्ताफ़ सय्यद, मनी वर्मा, गीतकार - दिपक नूर,अतिया सय्यद।
आयटम नंबर – ट्रिंग...ट्रिंग यह आयटम नंबर धमाकेदार है और इस गाने पर पब्लिक जरुर डांस कर सकती है।
फिल्म क्यों देखें – फिल्म में मेडिकल स्कैम का मुद्दा उठाया है, जो मेडिकल कॉलेज की हेरी-फेरी दर्शाती है कि किस तरह से फेल हुई विद्यार्थी भी नकली सर्टिफिकेट के सहारे अपने नाम में डॉक्टर लगाकर हॉस्पिटल शुरु करते है। युवा पिढ़ी के लिए सामाजिक संदेश है।
‘दोस्ती के साइड इफेक्ट्स’ ८ फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। फिल्म के नाम में ही कहानी छुपी हुई है। इसमें फिल्म ४ दोस्तों की कहानी है...जिनके अपने-अपने सपने हैं ..और सभी अपने सपनों को हकीकत बनाने के लिए अपना-अपना रास्ता अख्तियार करते हैं। सबकी अपनी-अपनी कहानी है..लेकिन सबसे खास है सपना चौधरी का किरदार। क्योंकि ‘दोस्ती के साइड इफेक्ट्स’ में सपना चौधरी पुलिस अफसर की भूमिका में है और ज़बरदस्त एक्शन करती नज़र आ रही हैं। धमाकेदार एक्शन करती हुई नज़र आ रही हैं।
बैनर - शेयर हैप्पीनेस फिल्म्स, निर्माता - जोयल डेनियल, निर्देशक - हादी अली अबरार, कलाकार - सपना चौधरी, विक्रांत आनंद ,ज़ुबैर के ख़ान ,अंजू जाधव ,ख़ुशी आनंद ,नील मोटवानी और साई भल्ला। संगीत - अल्ताफ़ सय्यद, मनी वर्मा, गीतकार - दिपक नूर,अतिया सय्यद।
आयटम नंबर – ट्रिंग...ट्रिंग यह आयटम नंबर धमाकेदार है और इस गाने पर पब्लिक जरुर डांस कर सकती है।
फिल्म क्यों देखें – फिल्म में मेडिकल स्कैम का मुद्दा उठाया है, जो मेडिकल कॉलेज की हेरी-फेरी दर्शाती है कि किस तरह से फेल हुई विद्यार्थी भी नकली सर्टिफिकेट के सहारे अपने नाम में डॉक्टर लगाकर हॉस्पिटल शुरु करते है। युवा पिढ़ी के लिए सामाजिक संदेश है।
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