"द थ्री वाइज मंकीज़"सिचुएशनल कॉमेडी है : जीत ज्ञान
लेखक जीत ज्ञान किसी परिचय के मोहताज
नहीं हैं, जीत ज्ञान एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं और दुबई में बेस्ड कंसल्टिंग ग्रुप जेसीए के
फाउंडिंग पार्टनर हैं।
फ़िलहाल वह दुबई में अपने परिवार के साथ
रहते हैं। उनकी किताब "द थ्री यु टर्न्स ऑफ माई लाइफ" काफी चर्चित रही है और अब उनकी चर्चा उनकी
दूसरी पुस्तक "द थ्री वाइस
मंकीज"के कारन हो रही है जो एक
फन्नी किताब है। मुम्बई में जब इसका विमोचन किया गया तो डायरेक्टर्स डेविड धवन, फराह खान और साजिद
खान एक ही स्टेज पर आ गए । जीत ज्ञान
से एक दिलचस्प बातचीत के अंश प्रस्तुत
हैं ..
सवाल : आप तो चार्टर्ड एकाउंटेंट है
आपको उपन्यास लिखने का शौक कब और कैसे हुआ ?
जीत : जी हां यह एक दिलचस्प सवाल है दरअसल सीए के जॉब और किताब के
लेखक के बीच कोई तालमेल नहीं है लेकिन पांच साल पहले
जब मैंने चेतन भगत के कुछ उपन्यास पढ़े तो
मुझे भी किताब लिखने की प्रेरणा मिली और
मैंने अपनी पहली पुस्तक लिखी "द थ्री यु टर्न्स ऑफ माई लाइफ" जिसे काफी सराहा गया।
सवाल : आपने अपनी दूसरी पुस्तक के
विमोचन के के लिए तीन बड़े डायरेक्टर्स को कैसे तैयार कर लिया ?
जीत : मैं बड़ा आभारी और शुक्रगुज़ार हूँ कि मेरी किताब को रिलीज़ करने
फराह खान, साजिद खान और डेविड
धवन जी आए। दरअसल फरह खान और साजिद खान ने मेरी बुक "द थ्री वाइज मंकीज़" का कवर भी ट्विटर पर रिलीज़ किया था।
फराह और साजिद ने मेरी किताब
पसंद की। यह उनका बड़ापन है कि वे सब
मेरी किताब को लांच करने आए और मुझे बधाइयों से नवाज़ा मेरा हौसला बढ़ाया।
सवाल : क्या आपको लगता है कि आपकी इस
किताब के आधार पर किसी फिल्म की स्क्रिप्ट भी तैयार की जा सकती है ?
जीत : देखिये इस किताब में काफी फन्नी सिचुएशन है और मैंने
किसी फ़िल्मी स्क्रीनप्ले की भांति इसमें हास्य भरे
छोटे छोटे दृश्य लिखे हैं इसलिए मुझे उम्मीद है कि कोई डायरेक्टर इसे फिल्म का रूप भी दे सकता है। डेविड
धवन ने कहा है कि वह
इसे पढ़ेंगे और इसे किसी न किसी रूप में
इस्तेमाल करने की भी कोशिश करेंगे।
सवाल : यह किताब किस बारे में है?
जीत : ऐक्चुअली मेरी यह किताब तीन किरदारों अमर अकबर और अन्थोनी की
तिकड़ी के इर्दगिर्द घूमती है।कैसे वे लोग एक मामले में एक बड़ी मुसीबत
में फँस जाते हैं। और
फिर सिचुएशन्स क्रिएट होती है यह आपको
किताब पढ़कर पता चलेगा। "बुरा मत देखो,बुरा मत सुनो,बुरा मत बोलो"की फिलॉसफी को न
मानने की उनकी गलती क्या उनके कैरिअर पर भारी पड़ेगी और उन्हें जेल भेजवायेगी ?या फिर किस्मत की देवी उनपर मेहरबान
होगी ?मैं यह
सस्पेंस अभी खोलना नहीं चाहता पाठक यह
किताब पढ़ें फिर उन्हें यह राज़ समझ में
आएगा।
सवाल : आपकी दोनों पुस्तकें अंग्रेजी
में हैं। क्या हिंदी के पाठकों के लिए भी यह उपलब्ध होगी?
जीत : जी हाँ मेरा प्रयास है कि इन दोनों उपन्यासों को हिंदी में
अनुवाद करके भी प्रकाशित किया जाए ताकि हिंदी के रीडर
भी मेरी रचनाओं को पढ़ सकें।
सवाल : इस उपन्यास के बाद आपकी भविष्य
में क्या योजनाये हैं
जीत : आप को बता दू कि मैंने अपनी तीसरी पुस्तक भी लिख ली है
जिसका नाम मैंने
अभी फ़ाइनल नहीं किया लेकिन मैं आपको
इतना बता सकता हूँ कि यह भी एक सिचुएशनल कॉमेडी होगी। और मेरी तीसरी पुस्तक अगले वर्ष प्रकाशित होगी। मेरा
प्रयास है कि मैं हर साल
अपने पाठकों को एक किताब का तोहफा दूँ.
सवाल : आप नए लेखको को क्या राय देना
चाहेंगे
जीत : मैं ऐसे तमाम नए लेखको को यह मश्विरा देना चाहूंगा कि वह खूब
पढ़ने की आदत डालें क्योंकि आप जितना पढ़ेंगे लिखना
आपके लिए उतना ही आसान होगा। अब आप देखें कि पिछले तीन महीने से मैं केवल पढ़ रहा हूँ पढ़ने से ही आपको लिखने
की प्रेरणा मिलती
है।
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