सब पूछते हैं गानें की हुक लाइन क्या है : गीतकार कुमार

गीतकार कुमार बताते हैं, 'मुझे अंग्रेजी नहीं आती थी, अंग्रेजी भाषा की इस तंगी को मैंने अपने गानों से दूर किया। मैंने अपने गानों में रिक्वेस्टा पाइंया, परमिशन पाइयां, हैंगओवर, देसी बॉय में लेडी गागा जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जिसे लोगों ने खूब पसंद किया।'

गोलमाल', 'सिंबा', 'जीरो', 'बधाई हो' 'उरी: द सर्जिकल स्ट्राइक', 'सोनू के टीटू की स्वीटी' और 'केसरी', स्टूडेंट ऑफ़ द इयर हालिया रिलीज़ हिट फिल्मों को अपने गीत से सजाने वाले गीतकार कुमार कहते हैं, 'मैं ऐसे गानें लिखता हूं, जिनके रिंग टोन बन जाते हैं। इन दिनों बॉलिवुड में गानों में पंजाबी टच का बड़ा चलन है। मैं पंजाब से हूं तो मेरा बड़ा फायदा हो जाता है। मैं हिंदी भी लिखता हूं तो पंजाबी लगता है।'

मेरे गानों से तो पंजाब की खुशबू आती है ?

'बड़ी आसानी से पंजाबी और इंग्लिश मिक्स करके भी मैं गाना बना लेता हूं। मेरे गानों से तो पंजाब की खुशबू आती है। कई लोगों ने मेरे साथ इस लिए भी काम नहीं किया क्योंकि मेरे बात करने का लहजा पंजाबी है। कई कॉर्पोरेट प्रॉडक्शन वालों ने मेरे लहजे की वजह से मेरे साथ काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस चक्कर में कई बड़ी फिल्में मेरे हाथ से निकल गईं, लेकिन किसी चीज का कोई मलाल नहीं है।'

गाना तभी लोगों को पसंद आता है और चलता है, जब वह दिल से लिखा जाता है ?

'कोई गाना तभी लोगों को पसंद आता है और चलता है, जब वह दिल से लिखा जाता है। फिल्म केसरी में मैंने एक गाना लिखा है, जिसके बोल हैं सानू कहंदी है..., केसरी तो एक अलग जमाने की फिल्म है, लेकिन इसके गाने में भी मैंने अंग्रेजी का इस्तेमाल किया है, एक बार सुनने के बाद शायद आप समझ भी न पाएं।'

ये दुनिया पित्तल दी, चिट्टियां कलाइयां, सूरज डूबा, मैं हूं हीरो तेरा... जैसे तमाम गानें लिखे ?

'मेरा पहला गाना था 'इश्क तेरा तड़पावे' था, यह गाना सबको इतना पसंद आया, जिसके बाद मुझे खूब काम मिलने लगा और मैंने मां का लाडला बिगड़ गया..., दिल्ली वाली गर्लफ्रेंड, जो भेजी थी दुआ... , तेनु इतना मैं प्यार करूं, तू जो नजरों के सामने, मेरे बिना मैं, मैं तो नहीं इंसानों में, तुझे भुला दिया, सुबह होने न दे, जिंदगी में कभी कोई आए न रब्बा, बेबी डॉल, तेरा यार हूं मैं, ये दुनिया पित्तल दी, चिट्टियां कलाइयां, सूरज डूबा, मैं हूं हीरो तेरा... जैसे तमाम गानें लिखे।'

समय के साथ गीतों की उम्र कम होती जा रही है ?

'पहले जब लोग गाना लिखवाने आते थे तो पूछते थे कि गाने का मुखड़ा क्या है, आज पूछते हैं कि गाने का हुक लाइन क्या है। कभी-कभी गाना एक लाइन में सिमटा हुआ सा लगता है। समय के साथ गीतों की उम्र कम होती जा रही है, इसकी वजह है, एक साथ सैकड़ों गानों का बाजार में आना।'

Comments

Atul singh said…
I have wriiteen more than 500 songs ....wo abhi mere pass hi hai...i wanna be a lyricist of bollywood ...if any of you are interested in it than pls contact me 8521582867 whatsapp

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