भारत की पहली इंडो पोलिश फिल्म ‘नो मीन्‍स नो’ 

Shankar Marathe, Mumbai - 16 December, 2020 :  बिहारी प्रतिभा का लोहा आज पूरा दुनिया मानती है। ऐसे में इंडियन जेम्‍स बांड के नाम से मशूहर बिहारी बॉय ध्रुव वर्मा यूरोप में इन दिनों अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। उन्‍होंने अभी हाल ही में भारत की पहली इंडो पोलिश फिल्म ‘नो मीन्‍स नो’ की शूटिंग पोलैंड में पूरी की है। यह फिल्‍म संभवत: 22 मार्च 2021 को रिलीज होगी। फिल्‍म हिंदी,इंग्लिस और पोलिश में बना। इसके बाद ध्रुव वर्मा  ने अपनी अगली फिल्‍म ‘द गुड महाराजा’ के लिए भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। यह फिल्‍म दूसरे विश्‍व युद्ध की एक सच्‍ची कहानी पर आधारित हैं। वहीं, ध्रुव वर्मा मिड डे शोबिज अवार्ड में भी नॉमिनेट किये गए हैं।  

आपको बता दें कि ध्रुव वर्मा की जड़ें बिहार से जुड़ी हैं और उनके पिता का मकान राजधानी पटना के कंकड़बाग में है। उन्‍होंने अपनी स्‍कूलिंग मुंबई में की। अभिनय का जुनून उन्‍हें स्‍कूल के दिनों से ही रहा था। प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल से उन्‍होंने पढ़ाई की है। ध्रुव यहां सैवेज हाउस (ग्रीन हाउस) के हाउस कैप्टन थे। यही ये अभिनय के क्षेत्र में उनका रूझान हुआ। अपने स्कूली जीवन के दौरान ध्रुव सामाजिक कार्यों और सांस्कृतिक गतिविधियों जैसे कि वाद-विवाद और नाटक दोनों में सक्रिय रूप से शामिल होते थे। ध्रुव वर्मा के अभिनय का सिलसिला इस तरह शुरू हुआ।

आज ध्रुव वर्मा हॉलीवुड मेगास्‍टार मार्शल आर्ट्स मास्‍टर स्टीवन सिगल से एक वर्ष का प्रशि‍क्षण ले रहे। वहीं,उन्‍होंने इंडो-पोलिश मेगा बजट की फिल्म ‘नो मीन्‍स नो’ के लिए पोलैंड में महीनों तक कार्व मेगा में बिताया,जहां नेल बाइटिंग एक्शन दृश्यों का गुर सीखा। यह एक इज़राइली फाइटिंग स्टाइल है, जो सेना के लिए विकसित है। इसके अलावा जयर्की सारियो डेफिंडो में महारत हासिल की। यह यूरोपीय के लिए विकसित की जाने वाली फाइटिंग स्टाइल है,जिसमें गुरु श्री बार्टेक डोबरोवस्की से बंदूक की शूटिंग सीखी। वे पहले से ही संजय दत्त से शूटिंग तकनीकों महारत में प्राप्त किया।

उन्होंने पोलैंड के बेइलिस्‍को बिया में स्‍ट्रीजलिंका गन क्‍लब से अन्‍य मेस्‍टोरियस  से 17 अलग-अलग हैंडगन, राइफल और शॉटगन की तकनीक में भी महारत हासिल की। वे अपनी अगली फिल्म, ‘द गुड महाराजा’ के लिए, घुड़सवारी और हथियार ट्रेनिंग ली। उन्‍होंने बॉलीवुड सुपर स्‍टार संजय दत्त से भी बहुत कुछ सीखा है। इस तरह वे एक के बाद एक फिल्‍में कर अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बिहार को गौरवान्वित करने क काम कर रहे हैं। आगे भी उनके पास कई प्रोजेक्‍ट हैं।

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