बेजान दारूवाला हरफ़नमौला इंसान थे -- शंकर मराठे
मुंबई - ३० मई, २०२० - सुप्रसिद्ध ज्योतिषी बेजन दारूवाला का २९ मई, शुक्रवार को निधन हो गया है । उन्होंने ८९ साल की उम्र में गुजरात में अहमदाबाद के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
मीडिया खबरों के मुताबिक वह पिछले हफ्ते से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें सांस लेने में ज्यादा तकलीफ हो रही थी। एक हफ्ते से वह वेंटिलेटर पर थे। अहमदाबाद नगर निगम ने २२ मई को उनके कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की थी, लेकिन टाइम्स आफ इंडिया की खबर के अनुसार बेजान दारूवाला के बेटे नास्तूर ने उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने का खंडन किया था। उन्होंने कहा कि उन्हें निमोनिया था और शरीर मे ऑक्सीजन की कमी के चलते उनका देहावसान हुआ है ।
बेजान दारूवाला से मैं (शंकर मराठे) हर शुक्रवार को दैनिक अमर उजाला के संडे ज्योतिष काँलम के लिए मैटर रेडी है क्या, यह पूछने के लिए वार्तालाप किया था और वह कहते थे बेटा शंकर तुम्हारा मैटर रेडी है, कल सुबह मैटर पिकअप करने के लिए आॅफिसबाॅय को भेज देना और मैं आॅफिसबाॅय देवा को भेजता था। यह बात साल १९९९ से २००१ की है। करीबन ३ साल तक मैं बेजानजी से मैटर रेडी है क्या सिर्फ यह पूछने के लिए फोन किया करता था। बेजानजी इतने बडे ज्योतिषी थे, लेकिन मैंने कभी भी उनसे अपना भविष्य नहीं पूछा।
बेजानजी का ज्योतिषी का काॅलम हर हफ्ते प्रकाशित होता था और उनको अच्छा-खासा पेमेंट भी मिलता था। माह के अंत में उनका पेमेंट के लिए फोन आता था और मैं कहता था सरजी, जब तक अमर उजाला में शंकर काम कर रहा है तब तक पेमेंट का टेंशन लेने का नहीं। जैसे ही पहली तारीख़ को अमर उजाला के मेरठ आॅफिस से चेक बनकर आता था, तब मैं बेजानजी को सूचित करता था। बेजानजी भी एक जोरदार हंसी का टहाका लगाते हुए मजेदार बातें करते थे। उनका यही हरफनमौला अंदाज मन को भाता था।
कहने का तात्पर्य यही है कि इंसान खाली हाथ आता है और खाली हाथ चला जाता है, सिर्फ यादें छोडकर चला जाता है।
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