प्रेम चोपड़ा के बॉलीवुड़ इंडस्ट्री में ६० साल
बॉलीवुड़ के सबसे प्रतिष्ठित खलनायक में से एक, प्रेम चोपड़ा को अभिनय करते हुए ६० साल पूरे हो गए है और इसके उपलक्ष्य में मयूरी मीडिया वर्क के पुनीत खरे ने १४ दिसंबर को जुहू स्थित इस्कॉन ऑडोटोरियम में प्रेम नाम है मेरा – प्रेम चोपड़ा के इवेंट का आयोजन किया था। महान अभिनेता ने 50 वर्षों के दौरान लगभग 320 फिल्मों में अभिनय किया है। इस इवेंट में प्रेम चोपड़ा के साथ जितेंद्र, राकेश रोशन, शर्वन जोशी, पुनम झांवर और कई छोटे-मोटे कलाकार आए थे।
कपूर खानदान की चार पिढियों के साथ प्रेम चोपड़ा ने काम किया है। उनकी सुपरहिट फिल्में थी – शहिद, उपकार, कटी पतंग, खून बने अंगारे, त्रिशुल, दोस्ताना, आज का अर्जुन, अग्निपुत्र, बेईमान, हिम्मत, क्रांती, डॉली, बॉबी, राजा बाबू, चोरी चोरी चुपके चुपके और आदि। साथ ही साल २०१८ में ‘उडणछू’ नाम हिंदी फिल्म आ रही है।
२३ सितंबर, १९३५ को जन्मे प्रेम चोपड़ा पार्टीशन के बाद मम्मी पापा के साथ शिमला आ गए। पापा की सरकारी नौकरी थी, इसलिए शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई। पापा कहते थे बेटा डॉक्टर बनेगा या आईएएस अफसर, लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन के दौरान एक्टिंग का चस्का लगा और पढ़ाई पूरी करके चले गए मुंबई।
मुंबई में शुरू हुआ स्ट्रगल। बहुत लंबा चल गया। कोलाबा में तमाम गेस्ट हाउसों में रहे। अपना पोर्टफोलियो बनाकर टहलते रहे। कुछ पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम भी किया। लेकिन खर्चा चल नहीं रहा था, तो टाइम्स ऑफ इंडिया के सर्कुलेशन डिपार्टमेंट में जॉब करते रहे।
उनकी पहली हिट फिल्म थी ‘वो कौन थी’। रोल बहुत बड़ा नहीं था उसमें, लेकिन तारीफ बहुत हुई। वहीं से सिक्का चल निकला। नौकरी भी चल रही थी, लेकिन अब इसमें बड़ी तकलीफ होने लगी थी। रोज रोज छुट्टी लेकर कट नहीं सकते थे। बहाने कम पड़ने लगे थे। रोज फटकार पड़ती थी। ऑफर धड़ाधड़ आते जा रहे थे। फिल्म ‘उपकार’ करने के बाद नौकरी छोड़ी थी।
कुछ फिल्में हीरो के तौर पर कीं, लेकिन वो फ्लॉप हो गईं। फिर इनको ‘मदर इंडिया’ बनाने वाले महबूब खान ने विलेन का रोल करने की सलाह दी। सलाह जिंदगी में उतारी, तो कामयाब हो गए। उस जमाने की हीरो तिकड़ी देवानंद-दिलीप कुमार-राजकपूर के फेवरेट विलेन बन गए। मनोज कुमार से दोस्ती बहुत अच्छी हो गई। उसके बाद तो इनके भाव एकदम बढ़ गए। कहने लगे कि हमको भी हीरो के बराबर पैसा मिलना चाहिए - एक लाख रुपया। पहली फिल्म के लिए ढाई हजार रुपया मिला था।
इंडस्ट्री में जमने के लिए टैलेंट के साथ रिश्तों साथ दिया। दरअसल, इनकी पत्नी के भाई थे पुराने जमाने के लीजेंडरी एक्टर प्रेम नाथ और इनके साढ़ू भाई थे राज कपूर। राज कपूर ने इनको अपनी फिल्म ‘बॉबी’ में कास्ट किए। उसमें इनका एक ही डायलॉग था - प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा, जो सुपर-डुपर हिट हो गया और फिर क्या उसके बाद आई कई फिल्मों में यही डॉयलॉग निर्माता-निर्देशक जानबुझकर डालते थे।
कपूर खानदान की चार पिढियों के साथ प्रेम चोपड़ा ने काम किया है। उनकी सुपरहिट फिल्में थी – शहिद, उपकार, कटी पतंग, खून बने अंगारे, त्रिशुल, दोस्ताना, आज का अर्जुन, अग्निपुत्र, बेईमान, हिम्मत, क्रांती, डॉली, बॉबी, राजा बाबू, चोरी चोरी चुपके चुपके और आदि। साथ ही साल २०१८ में ‘उडणछू’ नाम हिंदी फिल्म आ रही है।
२३ सितंबर, १९३५ को जन्मे प्रेम चोपड़ा पार्टीशन के बाद मम्मी पापा के साथ शिमला आ गए। पापा की सरकारी नौकरी थी, इसलिए शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई। पापा कहते थे बेटा डॉक्टर बनेगा या आईएएस अफसर, लेकिन पंजाब यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन के दौरान एक्टिंग का चस्का लगा और पढ़ाई पूरी करके चले गए मुंबई।
मुंबई में शुरू हुआ स्ट्रगल। बहुत लंबा चल गया। कोलाबा में तमाम गेस्ट हाउसों में रहे। अपना पोर्टफोलियो बनाकर टहलते रहे। कुछ पंजाबी और हिंदी फिल्मों में काम भी किया। लेकिन खर्चा चल नहीं रहा था, तो टाइम्स ऑफ इंडिया के सर्कुलेशन डिपार्टमेंट में जॉब करते रहे।
उनकी पहली हिट फिल्म थी ‘वो कौन थी’। रोल बहुत बड़ा नहीं था उसमें, लेकिन तारीफ बहुत हुई। वहीं से सिक्का चल निकला। नौकरी भी चल रही थी, लेकिन अब इसमें बड़ी तकलीफ होने लगी थी। रोज रोज छुट्टी लेकर कट नहीं सकते थे। बहाने कम पड़ने लगे थे। रोज फटकार पड़ती थी। ऑफर धड़ाधड़ आते जा रहे थे। फिल्म ‘उपकार’ करने के बाद नौकरी छोड़ी थी।
कुछ फिल्में हीरो के तौर पर कीं, लेकिन वो फ्लॉप हो गईं। फिर इनको ‘मदर इंडिया’ बनाने वाले महबूब खान ने विलेन का रोल करने की सलाह दी। सलाह जिंदगी में उतारी, तो कामयाब हो गए। उस जमाने की हीरो तिकड़ी देवानंद-दिलीप कुमार-राजकपूर के फेवरेट विलेन बन गए। मनोज कुमार से दोस्ती बहुत अच्छी हो गई। उसके बाद तो इनके भाव एकदम बढ़ गए। कहने लगे कि हमको भी हीरो के बराबर पैसा मिलना चाहिए - एक लाख रुपया। पहली फिल्म के लिए ढाई हजार रुपया मिला था।
इंडस्ट्री में जमने के लिए टैलेंट के साथ रिश्तों साथ दिया। दरअसल, इनकी पत्नी के भाई थे पुराने जमाने के लीजेंडरी एक्टर प्रेम नाथ और इनके साढ़ू भाई थे राज कपूर। राज कपूर ने इनको अपनी फिल्म ‘बॉबी’ में कास्ट किए। उसमें इनका एक ही डायलॉग था - प्रेम नाम है मेरा, प्रेम चोपड़ा, जो सुपर-डुपर हिट हो गया और फिर क्या उसके बाद आई कई फिल्मों में यही डॉयलॉग निर्माता-निर्देशक जानबुझकर डालते थे।
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