अक्षय कुमार की पहली फिल्म 'सौगंध' का बैकग्राउंड म्यूजिक देने वाले राजू सिंह का 'केसरी' तक का सफ़र
जिस तरह फिल्मो के संगीतकार की अहमियत होती है उसी तरह उन फिल्मो का बैकग्राउंड म्यूजिक देने वाले की भी अपनी महत्ता होती है। राजू सिंह की पहचान बैकग्राउंड म्यूजिक के उस्ताद के रूप में होती है। बॉलीवुड की अनेक फिल्मों में वह बैकग्राउंड म्यूजिक देकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। हाल ही में अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी' के बैकग्राउंड म्यूजिक की वजह से चर्चित राजू सिंह संगीत निर्देशक के रूप में भी कई फिल्मो में हिट गाने कम्पोज कर चुके हैं।
राजू सिंह लगभग तीन दशकों से लगातार संगीत के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। कभी उन्होंने किसी और म्यूजिक डायरेक्टर के गिटारिस्ट बनकर तो कभी ड्रमर बनकर अपनी सेवायें दी हैं। संगीत का शौक बचपन से रखने वाले राजू ने 1983 में "वारिस " फिल्म में लता मंगेशकर के एक गाने में गिटार बजाया था। उत्तम सिंह ने पहली बार उन्हें चांस दिया था। बाद में अमर हल्दीपुर के साथ काम किया और फिर आर डी बर्मन कैंप में शामिल होकर संगीत की बारिकियाँ सीखीं। ''म्यूजिशियन के रूप में मैंने कई संगीतकारों के साथ काम किया हुआ है। पंचम दा आरडी बर्मन के साथ गिटारिस्ट के रूप में काम किया था। फिर आनंद मिलिंद, नदीम श्रवण, वीजू शाह, अनु मलिक के साथ म्यूजिशियन के तौर पर काम किया। इसी दौरान सीरियल "बनेगी अपनी बात" के लिए बैकग्राउंड म्यूजिक देने का ऑफर मिला। फिर मुझे विनोद खन्ना स्टारर फिल्म ‘कारनामा’ के लिए बैक ग्राउंड स्कोर करने का पहली बार मौका मिला। इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुझे भी लगा कि किसी और म्यूजिक डायरेक्टर के लिए सिर्फ गिटार बजाने से बेहतर है कि अपनी एक अलग पहचान बनाई जाए। और इस तरह बैकग्राउंड म्यूजिक देने में बेहद व्यस्त हो गया। अक्षय कुमार की पहली फिल्म 'सौगंध' का बैकग्राउंड म्यूजिक मैंने दिया था।
सैनिक, मिस्टर बांड, सबसे बड़ा खिलाडी, खिलाडियों का खिलाडी जैसी अक्षय कुमार की कई फिल्मो का बैक ग्राउंड म्यूजिक मैंने दिया। उसके बाद अक्षय के साथ मुझे 'केसरी' जैसी बड़ी फिल्म करने का मौका मिला। १९९६ में रिलीज़ हुई खिलाडियों का खिलाडी के 23 साल बाद अक्षय के साथ केसरी फिल्म में काम किया।''
अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी' से जुड़ने के सन्दर्भ में राजू सिंह कहते हैं ''अधिकतर फिल्मे बैक ग्राउंड म्यूजिक के लिए हमारे पास शूटिंग और एडिटिंग के बाद आती हैं। लेकिन केसरी की शूटिंग से पहले मैं इस मुवि से जुड़ गया था. मैंने इसके कुछ सीन के लिए बैक ग्राउंड म्यूजिक उस सीन की शूटिंग से पहले ही कम्पोज़ कर लिया था। आज फिल्म की सफलता से ख़ुशी हो रही है। फिल्म ने सौ करोड़ से अधिक का कारोबार कर लिया है, हमारे लिए यह गर्व की बात है।''
फिल्मो में बैक ग्राउंड संगीत के बदलते परिदृश्य के बारे में राजू सिंह की राय बड़ी अहम है ''अगर आप देखें तो पहले की फिल्मो के बैक ग्राउंड म्यूजिक बहुत पोपुलर होते थे, उसकी एक वजह यह थी कि जो संगीतकार फिल्म के गाने क्रिएट करता था वही उसका बैक ग्राउंड संगीत भी देता था। संगीतकार को पता रहता है कि वह फिल्म के गाने या इसकी धुनों को कहाँ किस सिचुएशन में इस्तेमाल कर सकता है। मैं भी बैक ग्राउंड म्यूजिक देते समय इस बात का ध्यान रखता हूँ कि दर्शकों को ये न पता चले कि इसका म्यूजिक किसी और ने कम्पोज किया है जबकि इसका बैक ग्राउंड म्यूजिक अलग है क्योंकि मैं कहीं कहीं गाने की धुनों को भी इस्तेमाल करता हूँ।''
फिल्म के गानों के कम्पोजर के रूप में भी राजू सिंह ने काम किया है, लेकिन इतना कम क्यों? वह इसकी वजह बताते हुए कहते हैं ''जी हाँ, मैंने बहुत कम गाने कम्पोज़ किये हैं। बतौर संगीतकार मेरी पिछली फिल्म 'राज़ २' थी जिसका गाना 'सोनियो' बेहद लोकप्रिय हुआ था। बैक ग्राउंड संगीत के लिए मैं इतना समय दे देता हूँ कि मुझे कम्पोजर के रूप में काम करने का वक्त ही नहीं मिलता, लेकिन बैक ग्राउंड कम्पोजर के रूप में मैं अपने काम को एन्जॉय कर रहा हूँ और निर्माता निर्देशक को मेरी इस क्वालिटी पर बड़ा भरोसा है।''
राजू सिंह १४० फिल्मे अब तक बतौर बैक ग्राउंड संगीतकार के रूप में कर चुके हैं, जबकि १२-१३ फिल्मे म्यूजिक डायरेक्टर के रुप में कर चुके हैं. उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स हैं सनी देओल की फिल्म 'पल पल दिल के पास', महेश भट्ट की ' सड़क २' और मोहित सूरी की 'मलंग'।
राजू सिंह लगभग तीन दशकों से लगातार संगीत के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। कभी उन्होंने किसी और म्यूजिक डायरेक्टर के गिटारिस्ट बनकर तो कभी ड्रमर बनकर अपनी सेवायें दी हैं। संगीत का शौक बचपन से रखने वाले राजू ने 1983 में "वारिस " फिल्म में लता मंगेशकर के एक गाने में गिटार बजाया था। उत्तम सिंह ने पहली बार उन्हें चांस दिया था। बाद में अमर हल्दीपुर के साथ काम किया और फिर आर डी बर्मन कैंप में शामिल होकर संगीत की बारिकियाँ सीखीं। ''म्यूजिशियन के रूप में मैंने कई संगीतकारों के साथ काम किया हुआ है। पंचम दा आरडी बर्मन के साथ गिटारिस्ट के रूप में काम किया था। फिर आनंद मिलिंद, नदीम श्रवण, वीजू शाह, अनु मलिक के साथ म्यूजिशियन के तौर पर काम किया। इसी दौरान सीरियल "बनेगी अपनी बात" के लिए बैकग्राउंड म्यूजिक देने का ऑफर मिला। फिर मुझे विनोद खन्ना स्टारर फिल्म ‘कारनामा’ के लिए बैक ग्राउंड स्कोर करने का पहली बार मौका मिला। इसके बाद मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। मुझे भी लगा कि किसी और म्यूजिक डायरेक्टर के लिए सिर्फ गिटार बजाने से बेहतर है कि अपनी एक अलग पहचान बनाई जाए। और इस तरह बैकग्राउंड म्यूजिक देने में बेहद व्यस्त हो गया। अक्षय कुमार की पहली फिल्म 'सौगंध' का बैकग्राउंड म्यूजिक मैंने दिया था।
सैनिक, मिस्टर बांड, सबसे बड़ा खिलाडी, खिलाडियों का खिलाडी जैसी अक्षय कुमार की कई फिल्मो का बैक ग्राउंड म्यूजिक मैंने दिया। उसके बाद अक्षय के साथ मुझे 'केसरी' जैसी बड़ी फिल्म करने का मौका मिला। १९९६ में रिलीज़ हुई खिलाडियों का खिलाडी के 23 साल बाद अक्षय के साथ केसरी फिल्म में काम किया।''
अक्षय कुमार की फिल्म 'केसरी' से जुड़ने के सन्दर्भ में राजू सिंह कहते हैं ''अधिकतर फिल्मे बैक ग्राउंड म्यूजिक के लिए हमारे पास शूटिंग और एडिटिंग के बाद आती हैं। लेकिन केसरी की शूटिंग से पहले मैं इस मुवि से जुड़ गया था. मैंने इसके कुछ सीन के लिए बैक ग्राउंड म्यूजिक उस सीन की शूटिंग से पहले ही कम्पोज़ कर लिया था। आज फिल्म की सफलता से ख़ुशी हो रही है। फिल्म ने सौ करोड़ से अधिक का कारोबार कर लिया है, हमारे लिए यह गर्व की बात है।''
फिल्मो में बैक ग्राउंड संगीत के बदलते परिदृश्य के बारे में राजू सिंह की राय बड़ी अहम है ''अगर आप देखें तो पहले की फिल्मो के बैक ग्राउंड म्यूजिक बहुत पोपुलर होते थे, उसकी एक वजह यह थी कि जो संगीतकार फिल्म के गाने क्रिएट करता था वही उसका बैक ग्राउंड संगीत भी देता था। संगीतकार को पता रहता है कि वह फिल्म के गाने या इसकी धुनों को कहाँ किस सिचुएशन में इस्तेमाल कर सकता है। मैं भी बैक ग्राउंड म्यूजिक देते समय इस बात का ध्यान रखता हूँ कि दर्शकों को ये न पता चले कि इसका म्यूजिक किसी और ने कम्पोज किया है जबकि इसका बैक ग्राउंड म्यूजिक अलग है क्योंकि मैं कहीं कहीं गाने की धुनों को भी इस्तेमाल करता हूँ।''
फिल्म के गानों के कम्पोजर के रूप में भी राजू सिंह ने काम किया है, लेकिन इतना कम क्यों? वह इसकी वजह बताते हुए कहते हैं ''जी हाँ, मैंने बहुत कम गाने कम्पोज़ किये हैं। बतौर संगीतकार मेरी पिछली फिल्म 'राज़ २' थी जिसका गाना 'सोनियो' बेहद लोकप्रिय हुआ था। बैक ग्राउंड संगीत के लिए मैं इतना समय दे देता हूँ कि मुझे कम्पोजर के रूप में काम करने का वक्त ही नहीं मिलता, लेकिन बैक ग्राउंड कम्पोजर के रूप में मैं अपने काम को एन्जॉय कर रहा हूँ और निर्माता निर्देशक को मेरी इस क्वालिटी पर बड़ा भरोसा है।''
राजू सिंह १४० फिल्मे अब तक बतौर बैक ग्राउंड संगीतकार के रूप में कर चुके हैं, जबकि १२-१३ फिल्मे म्यूजिक डायरेक्टर के रुप में कर चुके हैं. उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स हैं सनी देओल की फिल्म 'पल पल दिल के पास', महेश भट्ट की ' सड़क २' और मोहित सूरी की 'मलंग'।
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