देश भर के खस्ताहाल सरकारी प्राथमिक स्कूलों की सच्चाई बयां करती है हिंदी फ़िल्म ‘ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड’
रेटींग – ३.५
भारत देश में सर्जिकल स्ट्राइक का नाम लेते ही आम आदमी भी जाग जाता है। अब हिंदी फ़िल्म ‘ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड’ के जरिए सरकारी एजुकेशन सिस्टम पर सर्जिकल स्ट्राइक होने वाला है और देश भर की जनता जागने वाली है। इस फिल्म में रघुबीर यादव, अशोक सामर्थ, अखिलेन्द्र मिश्रा, पंकज झा, धर्मेंद्र सिंह और अलीस्मिता गोस्वामी ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म का निर्देशन किया है तरुण बिष्ट ने और फिल्म का निर्माण किया है माइलस्टोन क्रिएशन्स और रतन श्री एंटरटेनमेंट के नुपूर श्रीवास्तव, गिरीश तिवारी और आशुतोष सिंह रतन। फिल्म १२ अप्रैल को समस्त भारत में रिलीज़ हो रही है।
हिंदी फ़िल्म ‘ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड’ में दिखाया गया है कि सरकार की तरफ से हज़ारो करोड़ रुपये प्राथमिक शिक्षा पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों की हालत क्या है? ये बात किसी से छुपी नहीं है। हमें आए दिन अख़बारों, टीवी न्यूज़ चैनलों और इंटरनेट पर देश भर के खस्ताहाल सरकारी प्राथमिक स्कूलों की हालत देखने को मिलती है। आख़िर क्या कारण है कि इतना खर्च करने के बाद भी इन स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है। इस मुद्दे पर सर्जिकल स्ट्राइक करने आ रही है हिंदी फीचर फिल्म ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड।
फिल्म क्यों देखें - फिल्म की कहानी काल्पनिक ज़रूर है, लेकिन वास्तविकता से परे नहीं है। इस फिल्म में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था से जुड़े लगभग हर मुद्दे को काफ़ी बारीकी से उठाने का प्रयास किया गया है। यह फिल्म मनोरंजन के साथ समाज को एक सार्थक सन्देश देती नज़र आएगी।
भारत देश में सर्जिकल स्ट्राइक का नाम लेते ही आम आदमी भी जाग जाता है। अब हिंदी फ़िल्म ‘ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड’ के जरिए सरकारी एजुकेशन सिस्टम पर सर्जिकल स्ट्राइक होने वाला है और देश भर की जनता जागने वाली है। इस फिल्म में रघुबीर यादव, अशोक सामर्थ, अखिलेन्द्र मिश्रा, पंकज झा, धर्मेंद्र सिंह और अलीस्मिता गोस्वामी ने मुख्य भूमिका निभाई है। फिल्म का निर्देशन किया है तरुण बिष्ट ने और फिल्म का निर्माण किया है माइलस्टोन क्रिएशन्स और रतन श्री एंटरटेनमेंट के नुपूर श्रीवास्तव, गिरीश तिवारी और आशुतोष सिंह रतन। फिल्म १२ अप्रैल को समस्त भारत में रिलीज़ हो रही है।
हिंदी फ़िल्म ‘ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड’ में दिखाया गया है कि सरकार की तरफ से हज़ारो करोड़ रुपये प्राथमिक शिक्षा पर खर्च किए जाते हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों की हालत क्या है? ये बात किसी से छुपी नहीं है। हमें आए दिन अख़बारों, टीवी न्यूज़ चैनलों और इंटरनेट पर देश भर के खस्ताहाल सरकारी प्राथमिक स्कूलों की हालत देखने को मिलती है। आख़िर क्या कारण है कि इतना खर्च करने के बाद भी इन स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो पा रहा है। इस मुद्दे पर सर्जिकल स्ट्राइक करने आ रही है हिंदी फीचर फिल्म ब्लैकबोर्ड वर्सेज व्हाइटबोर्ड।
फिल्म क्यों देखें - फिल्म की कहानी काल्पनिक ज़रूर है, लेकिन वास्तविकता से परे नहीं है। इस फिल्म में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था से जुड़े लगभग हर मुद्दे को काफ़ी बारीकी से उठाने का प्रयास किया गया है। यह फिल्म मनोरंजन के साथ समाज को एक सार्थक सन्देश देती नज़र आएगी।
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