घनी आबादी और सकरी गलियों में बेहद कारगर है फायर बॉल.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास
ने आज राजधानी जयपुर में फायर बॉल का लोकार्पण किया। आग लगने की स्थिति में
अग्निशमन वाहन को पहुंचने में थोड़ा सा समय लगता है। वहीं जहां छोटी और सकरी
गलियां होती है वहां अग्निशमन वाहन को पहुंचने में और भी ज्यादा समय लग जाता है,
जिससे
आग विकराल रूप धारण कर लेती है और जानमाल का नुकसान अधिक होता है। फायर बॉल आग
लगने से होने वाले जान माल के नुकसान को कम करने के एक नायाब तरीका है। बॉल जैसे
दिखने वाले इस बॉल के फटने पर उसमें निकलने वाले केमिकल्स से आग बुझाने में मदद
मिलती है। इस तरह के फायर बॉल का इस्तेमाल आप कार, घर, शॉपिंग
मॉल, स्कूल सहित कहीं भी आग लगने की स्थिति में कर सकते हैं। क्रिकेट की
गेंद से दोगुने आकर वाले इस बॉल का वजन मात्र 1.3 किलो है,
जबकि
फायर एक्सटिंग्विशर की बोतल का वजन लगभग 6 से 7 किलो होता है।
फायर एक्सटिंग्विशर को इस्तेमाल करना थोड़ा जटिल भी होता है, जबकि
छोटे आकार और कम वजन के चलते जरूरत पड़ने पर कोई भी फायर बॉल का इस्तेमाल आसानी से
कर सकता है। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया यह फायर बॉल काफी
उपयोगी सिद्ध होगी। आग छोटी हो या बड़ी आग हो उसे इस फायर बॉल के माध्यम से बुझाया
जा सकेगा।फिल्म निर्माता- निर्देशक राकेश सबरवाल का कहना है कि “गत
दिनों गुजरात के कोचिंग इंस्टिट्यूट और राजस्थान में एक ट्रेन के डिब्बे में लगी
आग की घटनाओं ने उन्हें प्रेरित किया कि राजस्थान में भी अचानक लगी आग को तुरंत
बिना जान-माल के नुकसान हुए बुझाने के लिए कुछ नया करना चाहिए। हमारे घरों-
दफ्तरों में अग्निशमन होने के बावजूद उन्हें चलाने की अथवा आवश्यकता पड़ने पर उपयोग
में लेने का प्रशिक्षण नहीं होने के कारण प्रायः अधिकांश लोग आग बुझाने के लिए इन
उपकरणों का उपयोग नहीं कर सकते। ऐसे में आग से नुकसान होता ही है। इसलिए मैंने
फायर बाल को राजस्थान में लांच करने का निर्णय लिया.”ब्रांड्सडैडी के
चेयरमैन रोशन मिश्रा ने कहा कि इस फायर बाल का निर्माण राजस्थान में ही किया जा
रहा है। इस मौके पर प्रख्यात ज्योतिषी डॉ पवन कौशिक, माहेश्वरी समाज
के अध्यक्ष प्रदीप बाहेती, एन एस आदित्य ग्रुप के जे डी माहेश्वरी
सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।
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