फिल्मी पत्रकार शंकर मराठे का काल्पनिक स्टोरी पर आधारित पहला ई-पुस्तक ‘देवा हो देवा’ लांच
मुंबई –
पिछले २० साल से पत्रकारिता क्षेत्र में कार्यरत फिल्मी पत्रकार शंकर मराठे ने अब तक
हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’, हिंदी दैनिक ‘प्रभात खबर’ व ‘नेटवर्क १८’ समूह का हिंदी-अंग्रेजी पोर्टल ‘कमोडिटीज कंट्रोल डॉट कॉम’ के लिए विभिन्न पदों पर काम
किया है। इन दिनों बॉलीवुड़ फिल्म इंडस्ट्री पर आधारित ‘बॉलीवुड़
मार्केट’ नामक ऑनलाइन न्यूजपेपर के लिए कार्यरत है। ६ नवंबर, २०१७ यानी शंकर मराठे के जन्मदिन के शुभ अवसर पर उनके द्वारा लिखित काल्पनिक
स्टोरी पर आधारित पहला ई-पुस्तक ‘देवा
हो देवा’ लांच किया गया।
फिल्म पर
आधारित लिखने की आइडिया कब और कैसे सूची, इस बारे में शंकर मराठे ने बताया कि कई न्यूजपेपर के लिए फिल्मी दुनिया पर
आधारित फिल्मी न्यूज और इंटरव्यू लिखने का काम कर रहा था, तो
कई अखबार पढ़ने को मिलते थे और एक बार एक हिंदी अखबार में आमिर खान स्टारर हिंदी फिल्म
‘थ्री एडियट’ की दो पन्ने स्क्रिप्ट छपी थी और वही स्क्रिप्ट कई बार पढ़ने
के बाद मन में काल्पनिक स्टोरी पर आधारित मराठी फिल्म की स्टोरी लिखने की आइडिया आयी।
काल्पनिक
कथा पर आधारित ‘देवा हो देवा’ इस ई-पुस्तक और फिल्मी लेखन कार्य के बारे में मिडिया के साथ वार्तालाप करते
हुए शंकर मराठे ने बताया कि एक बार मन में जो बात आती है, वह
आप अच्छी तरह लिख सकते हो, यह बात मुझे जबसे पता चली तब से मैंने
पहले तो बतौर शौक की तरह फिल्मी लेखन कार्य शुरु किया। दैनिक ‘अमर उजाला’ के मुंबई ऑफिस में काम करते वक्त साल २०००
में हिंदी ‘सामना’ में टीवी अभिनेत्री
संगीता घोष का इंटरव्यू प्रकाशित हुआ था और इसके लिए मुझे १०० रुपए का मानधन भी प्राप्त
हुआ था। बचपन से फिल्म देखने का शौक और फिल्मी दुनिया का आकर्षण की वजह से मुझे
फिल्मी न्यूज, लेख, इटरव्यूज अनेक
मराठी-हिंदी अखबरों में प्रकाशित करने शौक लग गया था, वह भी किसी
मानधन के लालच के बिना। कई मराठी छोटे अखबारों में सालों तक साप्ताहिक फुल पेज के लिए
मोफत में सेवा देता रहा। साल २००२ में हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ छोड़ने के बाद हिंदी दैनिक ‘प्रभात खबर’ की फिल्म पेज ‘रंग’ के लिए
मुंबई ऑफिस में इंटरटेनमेंट रिपोर्टर के पद पर काम करते हुए महाराष्ट्र के कई मराठी
और हिंदी अखबरों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर लेखन कार्य किया। इतना ही नहीं
तो हिंदी दैनिक ‘लोकमत समाचार’, ‘राज एक्सप्रेस’ व मराठी दैनिक ‘लोकमत’ और ‘गावंकरी’ का फिल्मी अंक के लिए २ सालों तक लेखन कार्य किया। इसके बाद ‘नेटवर्क १८’ समूह की ‘कमोडिटीज
कंट्रोल डॉट कॉम’ इस हिंदी-अंग्रेजी भाषा के वेबपोर्टल के लिए
बतौर कॉपी राइटर के पद पर ६ सालों तक काम किया। ग्लैमरस फिल्मी दुनिया मे काम करते
हुए अपना लेखन कार्य का शौक पूरा करते हुए कई बार आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा, क्योंकि अखबारों से मानधन कई महिनों के बाद आधा-अधूरा आता था। पत्रकार होने
के बावजूद भी अपने हक्क के लिए आवाज नहीं उठा सकता था, फिर क्या
उन अखबारों में लिखना ही बंद किया। मां सरस्वती देवी का आर्शीवाद था, इसलिए पिछले २० साल से फिल्मी दुनियेत लेखन कार्य जूनून के साथ कर रहा हूं।
साल २०१२ के दिसंबर माह में स्पेशल १० की छुट्टी लेकर मराठी फिल्म की कथा-पटकथा-संवाद
और गीत लिखे और इसके लिए कई निर्माता-निर्देशकों से मुलाकात की, जिन निर्माता-निर्देशकों से मिलने गया, तो उन लोगों
ने अपनी फिल्म का मराठी अखबारोंमें प्रमोशन करने का काम दिया और पिछले ४-५ सालों से
बतौर पीआरओ काम कर रहा हूं। मराठी चित्रपट ‘नटी’, ‘जाणिवा’, ‘सर्व मंगल सावधान’, ‘आयपीएल –
इंडियन प्रेमाचा लफडा’ और हिंदी फिल्म ‘तारा’ के लिए पीआरओ का काम किया है। काल्पनिक कथा पर
आधारित ‘देवा हो देवा’ यह ई-पुस्तक www. http://shankarmarathe.blogspot.in/ इस ब्लॉग पर
पढ़ सकते हो।
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