दो भाईयों के आपसी प्रेम की कहानी है ‘भाई के खातिर’ – मनोज कुमार सिंह
मनोज फिल्मस के बैनर तले बनी ‘भाई के खातिर’ को सेंसर बोर्ड ने ‘यू/ए’ प्रमाणपत्र के साथ पास कर दिया है। इसके निर्माता मनोज कुमार सिंह है और निर्देशक अमर पांडेय। निर्माता मनोज सिंह से फिल्म को लेकर विस्तृत बातचीत हुई। प्रस्तुत है उस बातचीत के संक्षिप्त अंश :
कैसी फिल्म है ‘भाई के खातिर’?
— टाइटल से स्पष्ट है यह भाई-भाई के बीच की कहानी है। हमारी फिल्म दो भाईयों के आपसी लगाव, समपर्ण और त्याग की कहानी है। भोजपुरी में संभवत दो भाईयों को लेकर इस तरह की कोई फिल्म नहीं आई है।
क्या अलग है, थोड़ा हमें भी सुनाइए ?
— बड़ा भाई छोटे भाई को बड़ा आदमी बनाने के लिए हमेशा लगा रहता है। उसकी पढ़ाई निरंतर बिना किसी विघ्न-बाधा के चलती रहे, यही हमेशा सोचता रहता है। छोटा भाई के ऊपर से ध्यान कहीं, इधर-उधर न हो जाए, इसके लिए वह अपना विवाह नहीं करने का निर्णय लेता है।
फिर तो इसका नाम होन चाहिए था – ‘भाई के खातिर कुंवारे रहब’ ?
— (हंसते हैं) लेकिन छोटा भी कम नहीं है। वह गांव आने पर अपने लिए नहीं, अपने भाई के लिए लड़की खोजना शुरु करता है।
फिर क्या होता है ?
— यही तो थिएटर में देखने वाली बात है। पूरी फिल्म देखने पर समझ में आ जाएगी।
इस भातृ-प्रेम की प्रेरणा कैसे मिली ?
— अपने ही बड़े भाई से। वह (अग्रज –संजय कुमार सिंह) हवलदार थे, हमारे ही बारे में सोचते रहते थे, फिर ईश्वर के यह मंजूर नहीं था, वह सीमा पर शहीद हो गए। दरअसर यह उन्हीं को समर्पित फिल्म है।
फिल्म के कलाकार कौन-कौन हैं ...?
— दीपक सिन्हा, सतीश सिंह, सुमोना दत्ता गुप्ता, नेहा पांडेय, प्रणव चौधरी, रोहित प्रजापति और मनोज कुमार सिंह यानी मैं निगेटिल रोल में हूं।
तकनीकी पक्ष के बारे में बताएं ?
— लेखक – प्रशांत गिल्वर, संगीतकार उपेंद्र पाठक व बुल्लु घोष, गीतकार पित्रूस, एक्शन मनोज रोहतासी, नृत्य-निर्देशक श्रवण ठाकुर और कैमरामैन राज वर्मा एवं रुपक। आइटम गर्ल है रिया सोनिया। फिल्म की शूटिंग नामकुंब (रांची) में हुई है।
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