‘जींस वाली भौजी’ एक विशुद्ध पारिवारिक फिल्म है – निर्देशक पी. आर. शर्मा
लक्ष्मी एंटरटेन्मेंट
प्रोडक्शन कृत ‘जींसवाली भौजी’
पोस्ट प्रोडक्शन में है, संपादन का कार्य रफ्तार में है और इसके निर्माता-निर्देशक
फिल्मको रिलीज करने की व्यापक तैयारी में लगे हैँ। इसके निर्माता सीताराम चौरसिया
है और निर्देशक पी.आर. शर्मा। ‘जींसवाली भौजी’ को लेकर पी. आर. शर्मा से बेबाक बातचीत हुई। प्रस्तुत है, उस वार्तालाप-साक्षात्कार के संपादित अंश –
सामान्य भाभियों से
कितनी अलग हैं ‘जींस वाली भौजी’
?
बहुत अलग है। आमतौर
पर हमारी भाभियां साड़ी में और वह भी घूंघट में या कम-से-कम आज भी सिर पर पूरा
आंचल रखकर ही रहती है। लेकिन ये फिल्म उन सारी बातों से अलग है। हमारी भौजी जींस
पहनती है। विवाह में तो वह साड़ी-ब्लाऊज पहनती है,
पर उसके बाद बिल्कुल अपने पुराने पहनावे पर आ जाती है।
क्या सिर्फ जींस पैंट
पहनने से ही आपकी ‘भौजी’ अलग है ?
नहीं-नहीं। हमारी ‘जींसवाली भौजी’
कई मायने में अलग है। वह जींस पहनकर सिर्फ घर ही चहारदीवारी तक कैद नहीं रहती, बिंदास है, कोई भी काम हो, भौजी तैयार रहती है।
इसे आपने पोजिटिव रुप में लिया है अथवा निगेटिव रुप में ? जींस पहनाने का उद्देश्य क्या है ?
फिल्म एक स्वस्थ
मनोरंजन के लिए बनाई है। इसमें आचलिकता सुरक्षित है। जींस पर आदत या आधुनिक सोच के
परिणाम के रुप में दिखाया गया है। जींस के बहाने हमने अपनी संस्कृति और
रीति-रिवाजों को महत्वपूर्ण बताया है। हमें उसका सम्मान करना चाहिए। उल्टा और गलत
पहनावा भी हमें संकट में डाल सकता है।
ये ‘जींसवाली भौजी’
कौन बनी है ?
रुपा मिश्रा भौजी है
और प्रिंस राजपूत भईया हैं। इनके साथ विनोद तिवारी,
फीरोज खान, सी.पी. भट्ट और दो आइटम गर्ल्स हैं – रानी और गुडिया। कथा
महेश वर्मा की, पटकथा मो. रफीक की और संवाद मेरे हैं। संगीत बाबा जागीरदार का, नृत्य सरफराज खान का,
एक्शन प्रदीप खांडेकर और छायांकन प्रदीप शर्मा का है। फिल्म की शूटिंग गोरखपुर के गगहा
गांव और लखनऊ में हुई है। गर्मी की छुट्टियों में फिल्म प्रदर्शित होगी।
‘जींसवाली भौजी’
के बाद...
एक हिंदी और एक
भोजपुरी की तैयारी है। नई फिल्म की घोषणा ‘जींसवाली
भौजी’ की रिलीज के समय करुंगा।
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