हिंदुस्तान के मर्द थे दारा सिंह
दारा सिंह - पूरा नाम: दारा सिंह रन्धावा
जन्म: 19 नवम्बर, 1928 पंजाब, मृत्यु: 12 जुलाई 2012 - मुम्बई
अपने जमाने के विश्व प्रसिद्ध फ्रीस्टाइल पहलवान रहे हैं। उन्होंने 1959 में पूर्व विश्व चैम्पियन जार्ज गारडियान्को को पराजित करके कामनवेल्थ की विश्व चैम्पियनशिप जीती थी। बाद में वे अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बन गये। 1983 में उन्होंने अपराजेय पहलवान के रूप में कुश्ती से सन्यास लिया।
1947 में दारा सिंह सिंगापुर आ गये। वहाँ रहते हुए उन्होंने भारतीय स्टाइल की कुश्ती में मलेशियाई चैम्पियन तरलोक सिंह को पराजित कर कुआला लंपुर में मलेशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप जीती। उसके बाद उनका विजय रथ अन्य देशों की चल पड़ा और एक पेशेवर पहलवान के रूप में सभी देशों में अपनी धाक जमाकर वे 1952 में भारत लौट आये। भारत आकर सन 1954 में वे भारतीय कुश्ती चैम्पियन बने।
उसके बाद उन्होंने कामनवेल्थ देशों का दौरा किया और विश्व चैम्पियन किंगकांग को परास्त कर दिया। बाद में उन्हें कनाडा और न्यूजीलैण्ड के पहलवानों से खुली चुनौती मिली। अन्ततः उन्होंने.कलकत्ता में हुई कामनवेल्थ कुश्ती चैम्पियनशिप में कनाडा के चैम्पियन जार्ज गार्डियान्को एवं न्यूजीलैण्ड के जान डिसिल्वा को धूल चटाकर यह चैम्पियनशिप भी अपने नाम कर ली। यह 1959.की घटना है।
दारा सिंह ने उन सभी देशों का एक-एक करके दौरा किया जहाँ फ्रीस्टाइल कुश्तियाँ लड़ी जाती थीं। आखिरकार अमरीका के विश्व चैम्पियन लाऊ थेज को 29 मई 1968 को पराजित कर फ्रीस्टाइल कुश्ती के विश्व चैम्पियन बन गये। 1983 में उन्होंने अपराजेय पहलवान के रूप में कुश्ती से सन्यास ले लिया।
जिन दिनों दारा सिंह पहलवानी के क्षेत्र में अपार लोकप्रियता प्राप्त कर चुके थे उन्हीं दिनों उन्होंने अपनी पसन्द से दूसरा और असली विवाह सुरजीत कौर[4] नाम की एक एम०ए० पास लड़की से किया। आज दारा सिंह के भरे-पूरे परिवार में तीन बेटियाँ और दो बेटे हैं।
उन्नीस सौ साठ के दशक में पूरे भारत में उनकी फ्री स्टाइल कुश्तियों का बोलबाला रहा। बाद में उन्होंने अपने समय की मशहूर अदाकारा मुमताज के साथ हिन्दी की स्टंट फ़िल्मों में प्रवेश किया और कई फिल्मों के अभिनेता निर्देशक एवं निर्माता भी रहे। उन्हें टी वी धारावाहिक रामायण में हनुमानजी के अभिनय से अपार लोकप्रियता मिली। वे भारतीय जनता पार्टी से राज्य सभा के सांसद भी रहे।
किसान - गरीबी की वजह से बचपन में पशु चराते थे और खेतों में काम करते थे। बाद में भी वह खेती से जुड़े रहे। पंजाब व मेरठ के पास उनका फार्म हाउस है।
पहलवान -500 कुश्तियां लड़ीं,पर किसी में भी नहीं हारे। प्रतिद्वंद्वी को उसी के घर में चित करने वाले पहलवान। इतना ही नहीं तो दारा सिंह की पहलवानी फिल्मों में भी देखने को मिली थी।
अभिनेता - 116 फिल्मों में अभिनय किया। कई के निर्माता निर्देशक रहे। वर्ष 1998 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। फिल्म मर्द में दारा सिंह ने सच्चे मर्द का किरदार निभाया था।
राजनेता - अगस्त 2003 से अगस्त 2009 के बीच भाजपा की ओर से राज्यसभा सदस्य रहे।
लेखक - 1989 में पंजाबी भाषा में ‘मेरी आत्मकथा’लिखी, जिसमें जीवन के विवादित पहलुओं को भी छुआ। उन्होंने कई फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी।
समाज सेवक - परमवीर चक्र और वीर चक्र विजेताओं को क्रमश: 500 और 250 रुपये प्रोत्साहन राशि देते थे। पंजाबी फिल्मों के लिए स्टूडियो भी बनवाया।
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