हर इंसान ...

देनेवाला और लेनेवाला ऊपरवाला है, लेकिन फिर भी हर इंसान मेरा मेरा कहता है।


हर इंसान खाली हाथ आता है और जाता है, लेकिन अपने नाम की जायदाद फ्री में छोडकर जाता है।


हर इंसान अपने कर्मों के हिसाब से जीवन जीता है, फिर भी भगवान को दोष देता है।

- लेखक शंकर मराठे


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