जीतेंद्र दबंग शुक्ला की ‘दहाड़’
जीतेंद्र
शुक्ला दहाड़ अथवा विनीत भाव से हाथ जोड़कर नमस्ते करे। उनके व्यक्तित्व में कुछ
बात ऐसी है, जिससे प्रभावित हुए बिना आप रह नहीं सके। जीतेंद्र
शुक्ला का व्यक्तित्व जितना प्रभावशाली है, उनकी अभिनय प्रतिभा भी उतना ही कुशाग्र है।
रामसूरत प्रजापति के निर्देशन में बनी भोजपुरी फिल्म ‘आया
दबंग दरोगा’ में वह सचमुच के दबंग लगते है। यद्दपि उनकी भूमिका
नकारात्मकहै, तथापि उनका परफॉर्मेंस हीरो को कांटे की टक्कर
देता है। हीरो अविनाश शाही ने भी शुक्ला के अभिनय की प्रशंसा की,
सेट पर उपस्थित लोगों ने तालियां पीटी। ‘आया दबंग दरोगा’ में अविनाश-जीतेंद्र
दोनों दरोगा है, लेकिन निगेटिव कृत्यों में श्रीशुक्ला छा जाते है,
वह बोलते नहीं दहाड़ते है और एक अदभुत संयोग यह भी है कि जीतेंद्र शुक्ला ‘दहाड़’
नाम की एक फिल्म भी करने जा रहे है। उसमें भी उनका निगेटिव रोल है। उनकी यह ‘दहाड़’
मिथिलेश अविनाश की फिल्म ‘डेण्जर’ में और भी डैण्जरस रुप में दिखाई देगी। इसमेंम
जीतेंद्र शुक्ला ने ‘तेजा’ की भूमिका निभाई है।
जीतेंद्र
शुक्ला से पूछा गया – हर बार निगेटिव रोल ही क्यों ? वह कहते है – क्योंकि
नकारात्मकता में सृजनात्मकता सहजता है, उभरती है। निगेटिव रोल आसान नहीं,
जोखिम भरा है। लेकिन एक कलाकार के लिए यह एक कसौटी है। निगेटिव रोल का रेंज बड़ा
होता है। आप अपने अंदर के कलाकार को मजबूती प्रदान कर सकते है। संजय श्रीवास्तव के
साथ ‘जीयब ना तोहरे बिना’ और इकबाल बक्श के साथ ‘हम
से बढ़कर कौन’ में भी जीतेंद्र शुक्ला दिखाई देंगे। देंगे।
जीतेंद्र के पास अभी कई फिल्में है। महेंद्र चौधरी की फिल्म ‘सपने
साजन के’ लेकिन ‘आया दबंग दरोगा’ के बाद आएगी उनकी ‘लगा
देब जान की बाजी’ और ‘हमसे बढ़कर कौन’ लगान फेम ग्रेसी सिंह की
हिंदी फिल्म ‘राधा कैसे ना जले’ में भी दबंग शुक्ला।
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