फिल्म ‘हे ब्रो’ के अभिनेता गणेश आचार्य



हे ब्रो किस तरह की फिल्म है ?
इस फिल्म को सिर्फ कॉमेडी नहीं कहा जा सकता। क्योंकि इसमें कॉमेडी के साथ-साथ एक्शन, इमोशन, फैमिली ड्रामा, रोना धोना, हंसना सबकुछ है। यह दो जुड़वा भाईयों की कहानी है, जो बचपन में बिछुड़ गए थे। एक भाई गोपी का किरदार खुद मैंने निभाया है, जो कि बहुत मोटा है। दिन भर कुछ न कुछ खाता रहता है। दूसरे भाई का किरदार दुबले पतले कलाकार मनिंदर सिंह ने निभाया है, क्योंकि दूसरा भाई दुबला पतला और एक खडूस व गुस्सैल पुलिस इंस्पेक्टर है। लोग मानते हैं कि जुड़वा भाई हैं, तो दोनों में सबकुछ एक जैसा होगा। पर यहां दोनों में कोई समानता नहीं है। इसी वजह से हास्य दृश्य बनते हैं। इस फिल्म में मैंने खुद एक्शन किया है। इससे खुद हंसी पैदा होगी।

क्या फिल्म में हीरो बनने के लिए एक अलग तरह की कहानी चुनकर हे ब्रो बनाई है ?
नहीं। मैंने फिल्म एबीसीडी में अभिनय किया ही था। सच कहूं तो मुझे अभिनेता बनना ही नहीं था। एक दिन लेखक निर्देशक अजय चंडोक मेरे पास एक कहानी लेकर आए। उन्हीं दिनों मेरी पत्नी विधि आचार्य होम प्रोडक्शन के बैनर पुष्पा क्रिएशन को फिर से शुरु करना चाहती थीं। तो हमें भी एक अच्छी कहानी, अच्छी स्क्रिप्ट व अच्छे निर्देशक की तलाश थी। अजय ने मुझे सब्जेक्ट सुनाया। दो जुड़वा भाईयों की कहानी और उसमें जो टि्वस्ट था, उसने मुझे प्रभावित किया। फिर पारिवारिक स्क्रिप्ट, मनोरंजन, कॉमेडी, एक्शन सबकुछ मुझे नजर आया। इसलिए मैंने इस फिल्म को करने का फैसला किया। आपको बता दूं कि इस फिल्म की निर्माता मेरी पत्नी विधि आचार्य और निर्देशक अजय चंडोक हैं। मैंने सिर्फ अभिनय किया है। इस फिल्म का नृत्य निर्देशन भी मैंने नहीं किया है। मैंने सिर्फ अच्छा अभिनय करने की कोशिश की है।

फिल्म हे ब्रो में अभिनय करते समय आपके सामने किस तरह की समस्याएं आई?
मुझे तो बहुत समस्या हुई। नृत्य निर्देशक के रुप में मेरा एक अलग मुकाम है। तो मैं सेट पर हमेशा अपने समय पर पहुंचता हूं। दोपहर में एक घंटा सोता भी हूं। अपनी जिंदगी जीता हूं। पर इस फिल्म में अभिनय करते हुए मुझे कोई सहूलियत नहीं मिली। मुझे सुबह पांच बजे उठाया गया। लंच में भी आधे घंटे का ही ब्रेक मिला और फिर काम करवाया गया। सच कह रहा हूं फिल्म के निर्देशक अजय चंडोक ने मुझे बहुत टॉर्चर किया। सेट पर मैं एक स्ट्रगल एक्टर रहा। मगर मुझे खुशी है कि फिल्म अच्छी बनी है और लोगों को मेरा अभिनय भी पसंद आएगा।

आपके अपने अनुभव क्या रहे ?
बहुत अच्छे अनुभव रहे। सबसे बड़ी बात यह रही कि हमने जितना सोचा था, उससे कहीं ज्यादा बेहतर फिल्म बनी है। हमारी फिल्म का स्केल बहुत बढ़ा है। फिल्म देखते समय आपको फिल्म के हर गाने में चार सौ से पांच सौ डांसर नजर आएंगे। मैंने इसमें डांस के साथ-साथ फाइटिंग भी की है। रोया भी हूं। मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने जो अभिनय करने की कोशिश की है, उसमें कामयाब रहा हूं। लोग सोचते है कि आखिर इतना भारी भरकम शरीर वाला इंसान, जो डांस अच्छा करता है। वह एक्शन कैसे करेगा ? पर मैंने पहली बार अभिनय व एक्शन दोनों किया है।

आपने फिल्म स्वामी में मनिंदर सिंह को बतौर अभिनेता ब्रेक दिया था। अब आपने हे ब्रो में उन्हें फिर से रिपीट किया है ?
मनिंदर सिंह बहुत अच्छा कलाकार है। मनिंदर ने बीच में सीरियल सीआईडी किया था। लाइफ ओके चैनल पर प्रसारित सीरियल २६/१२ में पुलिस अफसर का किरदार निभाया था। मैंने वह सीरियल देखा था। मुझे उसमें पुलिस अफसर का किरदार बहुत पसंद आया। अब हमारी फिल्म में भी उन्होंने पुलिस अफसर का रोल निभाया है। हे ब्रो के लिए हमें संजीदा, खडूस, गाली गलौज करने वाला पुलिस इंस्पेक्टर चाहिए था। यह सारी बातें मुझे मनिंदर में नजर आई। इसलिए मैंने अजय चंडोक से कहा कि वह मनिंदर सिंह से मिल ले। अजय चंडोक को अहसास हुआ कि मनिंदर किरदार के साथ पूरी तरह न्याय कर सकता है।

फिल्म हे ब्रो का प्रोमो आने के बाद किस तरह का रिस्पॉन्स मिल रहा है ?
बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। पुष्पा क्रिएशन के बैनर तले यह हमारी चौथी फिल्म है। इसे जिस तरह का रिस्पॉन्स मिल रहा है, वह कमाल का है। लोग इसे बहुत पसंद कर रहे हैं। बिरजू गाना हिट है। डी जे का गाना भी हिट है। हम फिल्म के प्रमोशन के लिए कुछ कॉलेज में व कुछ शहरों में गए हैं। हर जगह अच्छा रिस्पॉन्स मिला।

आज कल सौ दो सो करोड़ की बातें बहुत होती हैं। यह सब क्या है ?
जिस फिल्म में बड़े बड़े कलाकार होंगे, वहां सौ दो सौ करोड़ की बातें होना आम बात है। आपको बता दूं कि सौ या दो सौ करोड़ वाली जो फिल्में हैं, उनमें से बीस फिल्में मेरी हैं, जिनमें मैंने नृत्य निर्देशन किया है। इस तरह से देखा जाए, तो मैंने भी सौ दो सौ करोड़ कमाने वाली फिल्मों का नृत्य निर्देशक हूं। पर इस तरह की बातों का कोई मतलब नहीं है। मैं नृत्य निर्देशन करने के बाद अपने घर चला जाता हूं।

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