कैसे मिली दादासाहब फालके को तारामती
मानो या ना मानो , लेकिन यह बात सौ प्रतिशत सच है कि दादासाहेब फालके की फिल्म राजा हरिशचंद्र में तारामती की भूमिका एक पुरुष कलाकार ने निभाई थी। वैसे देखा जाए तो दादासाहेब फालके की फिल्म राजा हरिशचंद्र में तारामती की अहम भूमिका थी , लेकिन इस तारामती को ढूंढने की लिए दादासाहेब ने काफी खोज की थी। परंतु कोई कलाकार नहीं मिला , तो विवश होकर फालके ने कोठे वालियों के पास जाकर भी हीरोइन की खोजबीन की। उनसे हीरोइन बनने का आग्रह किया , लेकिन उन्होंने हीरोइन बनने से इंकार किया। आखिरकार दादासाहेब ने फैसला किया कि किसी पुरुष कलाकार से ही तारामती की भूमिका कराई जाए और उन्होंने तलाश शुरु की। दादासाहेब एक दिन शाम को ईरानी के होटल में खाना खाने गए थे , तभी उनकी नजर वहां के रसोइयां पर गई और उन्होंने उसे काम करने के लिए राजी किया। इतना ही नहीं तो रिहर्सल के बाद जब शूटिंग का समय आया तो निर्माता-निर्देशक फालके ने रसोइयां से कहा कि कल शूटिंग है , इसलिए मूछें साफ कराके आना। यह सुनते ही रसोइयां सालुंके ने कहा कि मूंछे तो मर्द-मराठा की शान हैं। फिर फालके ने उसे समझाया कि मूंछ वाली तारामती ...