सिक्सर मारने की तैयारी में सुदीप पांडे
भोजपुरी सिनेमा के परफेक्ट एक्शन स्टार सुदीप पांडे अतिशीघ्र सिक्सर मारने वाले हैं। नहीं, हम आईपीएल के क्रिकेट टूर्नामेंट में उनके शामिल होने की बात नहीं कर रहे हैं। वह तो अपनी प्रदर्शित होने वाली फिल्मों का सिक्सर मारेंगे। एक दर्जन फिल्में कर चुके इस भोजपुरिया भईया की अभी आधी दर्जन फिल्में कतारबद्ध हैं। अपनी दूसरी ही फिल्म भोजपुरिया दरोगा में चुनौतीपूर्ण दोहरी भूमिका करके सुदीप पांडे ने न सिर्फ एक परिपक्व कलाकार होने का परिचय दिया, वरन परफेक्ट एक्शन स्टार का खिताब भी पा लिया। सचमुच, सुदीप जब एक्शन करते हैं, तो देखते ही बनता है। वह निर्विवाद भोजपुरी फिल्मों के अक्षय कुमार हैं। भोजपुरिया दरोगा में शीर्षक भूमिका के अतिरिक्त सुदीप ने एक मानसिक अद्र्धविक्षिप्त युवक की भी यादगार भूमिका निभायी थी। इस फिल्म ने ही सुदीप को स्टार बना दिया। फिर तो मसीहा बाबू, सौतन, दरोगाजी चोरी हो गईल, चंदू की चमेली, हम हईं धरमयोद्धा, शराबी और नथुनिया पे गोली मारे सरीखी कई फिल्में कर डालीं।
अभी सुदीप पांडे की आधी दर्जन जो फिल्में आने वाली हैं, उनमें मि. तांगेवाला सबसे पहले प्रदर्शित होगी। भोजपुरिया दरोगा की तरह इस फिल्म में भी सुदीप दोहरी भूमिका में हैं। एक सीधा सादा किसान है, तो दूसरा चलता-पुर्जा चोर। वैसे, दोहरी क्या मसीहा बाबू में सुदीप पांडे तिहरी भूमिका भी निभा चुके हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इस एक्शन किंग की सारी फिल्में दे दना दन ही हैं। कुर्बानी में वह एक ऐसे मुस्लिम युवक के रूप में दिखाई देंगे, जो अपनी मालकिन के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर देता है। एक प्रेमी के रूप में सुदीप का एक नया चेहरा आप देखेेंगे। लेकिन प्यार की इस संजीदगी से घबराने की जरूरत नहीं। भौजी के गांव पहुंचकर यह गया (बिहार) का बांका जवान वह धूमे-धड़ाका करता है कि बस देखते ही बनता है। फिर भी एक्शन किंग तो एक्शन किंग होता है, लाल चिंगारी में पुन: सुदीप अपनी रौ में बहते नजर आएंगे। नक्सल-समस्या पर आधारित इस फिल्म में सुदीप पांडे का तेवर बिल्कुल तूफानी है। जरूरत पडऩे पर वह बगावत में बगावत करने पर भी उतारू हो जाते हैं। तीन तेलुगू और एक नेपाली फिल्म कर चुके इस वर्सेटाइल एक्टर की मेहनत अब रंग लायी है और वह दर्शकों के चहेते कलाकार बन चुके हैं। सुदीप की लोकप्रियता का स्पष्ट प्रमाण उनके कार्यक्रम बिहार : एक खोज की बढ़ती टीआरपी है। इस कार्यक्रम के सूत्रधार (एंकर) सुदीप ही हैं और उनके चलते ही यह प्रोग्राम महुआ का सर्वप्रिय शो बन चुका है। कैलिफोर्निया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत सुदीप पांडे जब फिल्मों की दुनिया में आए तो सब यही सोचते थे कि पश्चिमी आबोहवा में रहनेवाले इस साहब को हमारी मिट्टी की सोंधी गंध कहां याद होगी। पर सुदीप ने सबको छका दिया। रामजी फिल्म्स के बैनर तले उसने आधी दर्जन फिल्में बनाकर सफलता पूर्वक प्रदर्शित भी कर डाला। सुदीप ने साबित कर दिया, वह एक समर्पित कलाधर्मी हैं। एक सच्चे भोजपुरिया भइया।
अभी सुदीप पांडे की आधी दर्जन जो फिल्में आने वाली हैं, उनमें मि. तांगेवाला सबसे पहले प्रदर्शित होगी। भोजपुरिया दरोगा की तरह इस फिल्म में भी सुदीप दोहरी भूमिका में हैं। एक सीधा सादा किसान है, तो दूसरा चलता-पुर्जा चोर। वैसे, दोहरी क्या मसीहा बाबू में सुदीप पांडे तिहरी भूमिका भी निभा चुके हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि इस एक्शन किंग की सारी फिल्में दे दना दन ही हैं। कुर्बानी में वह एक ऐसे मुस्लिम युवक के रूप में दिखाई देंगे, जो अपनी मालकिन के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर देता है। एक प्रेमी के रूप में सुदीप का एक नया चेहरा आप देखेेंगे। लेकिन प्यार की इस संजीदगी से घबराने की जरूरत नहीं। भौजी के गांव पहुंचकर यह गया (बिहार) का बांका जवान वह धूमे-धड़ाका करता है कि बस देखते ही बनता है। फिर भी एक्शन किंग तो एक्शन किंग होता है, लाल चिंगारी में पुन: सुदीप अपनी रौ में बहते नजर आएंगे। नक्सल-समस्या पर आधारित इस फिल्म में सुदीप पांडे का तेवर बिल्कुल तूफानी है। जरूरत पडऩे पर वह बगावत में बगावत करने पर भी उतारू हो जाते हैं। तीन तेलुगू और एक नेपाली फिल्म कर चुके इस वर्सेटाइल एक्टर की मेहनत अब रंग लायी है और वह दर्शकों के चहेते कलाकार बन चुके हैं। सुदीप की लोकप्रियता का स्पष्ट प्रमाण उनके कार्यक्रम बिहार : एक खोज की बढ़ती टीआरपी है। इस कार्यक्रम के सूत्रधार (एंकर) सुदीप ही हैं और उनके चलते ही यह प्रोग्राम महुआ का सर्वप्रिय शो बन चुका है। कैलिफोर्निया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्यरत सुदीप पांडे जब फिल्मों की दुनिया में आए तो सब यही सोचते थे कि पश्चिमी आबोहवा में रहनेवाले इस साहब को हमारी मिट्टी की सोंधी गंध कहां याद होगी। पर सुदीप ने सबको छका दिया। रामजी फिल्म्स के बैनर तले उसने आधी दर्जन फिल्में बनाकर सफलता पूर्वक प्रदर्शित भी कर डाला। सुदीप ने साबित कर दिया, वह एक समर्पित कलाधर्मी हैं। एक सच्चे भोजपुरिया भइया।
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