और चल निकला रूपा सिंह का सिक्का!
रूपा सिंह सिर्फ रूप लावण्य से भरी एक नवयौवना स्त्री का ही नाम नहीं है, यह उस कलाकार का नाम है, जो अभिनय को सिर्फ नाम और दाम कमाने का जरिया नहीं मानती वरन वह इसे कलाधर्मिता का नाम देती है। पटना रंगमंच से वर्षंो तक जुड़़ी रूपा सिंह पटना दूरदर्शन की चर्चित अभिनेत्रियंो में शुमार रही हैं। समाचार वाचिका के रूप में कैरियर शुरू करने के पश्चात रूपा ने पटना दूरदर्शन पर दास्तान ए जुर्म की एंकरिंग भी की और यहीं से चल पड़ी गाड़ी। फिर चुटकी भर सेनुर और मैथिली में नैन न तृप्त भयल सरीखे धारावाहिकंो में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। पटना में रहते हुए ही रूपा सिंह ने प्रांतीय स्तर तक ख्याति पा ली। उनकी प्रतिभा के प्रभाव में भोजपुरी फिल्मंो के निर्माता भी आ गए। फिर तो देखते-देखते पटना से ही रूपा रानी ने दर्जनभर फिल्में कर डालीं। बी.ए. पास बहुरिया, धरमवीर, विदाई, सजन परदेसिया, धरती के लाल, लक्ष्मी जइसन दुलहिन हमार, गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा, विवाह और मैथिली में आपन गाम आपन देस सरीखी फिल्में उनके खाते में आयीं। लक्ष्मी जइसन दुलहिन हमार की शूटिंग के सिलसिले में रूपा पहली बार मुंबई आई थीं। एस्सेल स्टूडियो, ट्राम्बे में रूपा का सामना मुंबईया तकनीशियनंो और पत्रकारंो से पहली बार हुआ था।
रूपा सिंह न सिर्फ रूप रंग और बात व्यवहार में अच्छी और शालीन हैं बल्कि उनमें अभिनय प्रतिभा भी कूट कूटकर भरी है। यह सब सागर आर्ट्स के भोजपुरी धारावाहिक जय जय शिवशंकर में आपको महुआ टीवी पर देखने को मिलेगा। इसमें विजी के रूप में रूपा सिंह सचमुच बहुत बिजी हैं। इस धारावाहिक के चलते रूपा सिंह को मुंबई प्रवास करना पड़ा। लेकिन भोजपुरी फिल्मंो से नाता पूर्ववत बना रहा। मुंबई आये उन्हें महज चार माह बीते हैं और तीन फिल्में बनकर तैयार हैं। ये फिल्में हैं - पापी के पाप काहे गंगा धोये, नंदू निकम्मा और कलुआ-बुधुआ। पापी... में तो रूपा सिंह ने अपने व्यक्तित्व के प्रतिकूल एक निखालिस नकारात्मक भूमिका निभाई है और जय-जय... की विजी से बिल्कुल उल्टी। रेखा की दीवानी रूपा पार की शाबाना वाली भूमिका करने की चाहत रखती हैं। देखिए, कभी न कभी, कहीं न कहीं इनकी यह आस भी पूरी होगी ही। फिलहाल गुडलक फॉर जय-जय शिवशंकर एंड ब्रेवो फॉर पापी के पाप..
रूपा सिंह न सिर्फ रूप रंग और बात व्यवहार में अच्छी और शालीन हैं बल्कि उनमें अभिनय प्रतिभा भी कूट कूटकर भरी है। यह सब सागर आर्ट्स के भोजपुरी धारावाहिक जय जय शिवशंकर में आपको महुआ टीवी पर देखने को मिलेगा। इसमें विजी के रूप में रूपा सिंह सचमुच बहुत बिजी हैं। इस धारावाहिक के चलते रूपा सिंह को मुंबई प्रवास करना पड़ा। लेकिन भोजपुरी फिल्मंो से नाता पूर्ववत बना रहा। मुंबई आये उन्हें महज चार माह बीते हैं और तीन फिल्में बनकर तैयार हैं। ये फिल्में हैं - पापी के पाप काहे गंगा धोये, नंदू निकम्मा और कलुआ-बुधुआ। पापी... में तो रूपा सिंह ने अपने व्यक्तित्व के प्रतिकूल एक निखालिस नकारात्मक भूमिका निभाई है और जय-जय... की विजी से बिल्कुल उल्टी। रेखा की दीवानी रूपा पार की शाबाना वाली भूमिका करने की चाहत रखती हैं। देखिए, कभी न कभी, कहीं न कहीं इनकी यह आस भी पूरी होगी ही। फिलहाल गुडलक फॉर जय-जय शिवशंकर एंड ब्रेवो फॉर पापी के पाप..
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