भजनों की आवाज हैं अनूप जलोटा
भजनों की आवाज हैं अनूप जलोटा एक समय था, जब भजनों को हरि ओम शरण ने पहचान दी, लेकिन वक्तने करवट ली और भक्तिसंगीत के फलक पर अनूप जलोटा का नाम इस तरह छा गया। मानों वो भजन का पर्यायवाची शब्द हों।
अपने तीस वर्ष के सांगीतिक सफर में अनूप जलोटा ने अब तक 200 से अधिक एलबम और विश्व के 5 महाद्वीपों के 300 से अधिक शहरों में करीब 5000 मंचीय प्रस्तुतियों के जरिए लोगों के दिलों में खास जगह बना ली है। यह उनकी भक्ति रचनाओं का ही प्रभाव है कि वे अब भजनों का पर्याय बन चुके हैं।
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