हंटेड थ्री डी : हॉरर फिल्म
फिल्म ‘अवतार’ के ढर्रे पर नई पीढ़ी की थ्री डी तकनीक पर फिल्मायी गयी भारत की पहली फिल्म ‘हंटेड थ्री डी’। मशहूर फिल्मकार और हॉरर के मास्टर विक्रम भट्ट भारतीय सिनेमा के इतिहास में नींव का पत्थर रखते हुए ‘बीवीज फिल्म्स’ तथा ‘डार मोशन पिक्चर्स’ के बैनर तले बनी भारत की पहली स्टीरियोस्कोपिक थ्री डी फिल्म ‘हंटेड थ्री डी’ लेकर आ रहे हैं। जिसके साथ अंतर्राष्ट्रीय तकनीशियन जुड़े हुए हैं। घर के अंदर घटित होने वाली घटनाओं और रहस्यमय अतीत के साथ भूत की मौजूदगी के इर्दगिर्द कहानी घूमती है। कहानी में समय का अंतराल भी है। कहानी की शुरुआत वर्तमान से होती है। पर वह अतीत में भी जाती है।
फिल्म की कहानी का केंद्र डल्हौजी स्थित एक बंगला है। डल्हौजी की खूबसूरत पहाडिय़ों पर एक ग्लैन मैनोर नामक बंगला है, जिसका अपना एक अतीत हैं। इसमें वर्तमान में एक आत्मा का निवास है। आधी रात में ऐसी डरावनी आवाजों के साथ चीजें घटित होती हैं कि कोई भी भयभीत हो जाए। रेहान ने इसे खरीदा और बाद में बेच दिया, लेकिन करोड़ों रुपए के वह नुकसान में है क्योंकि उसके इस बंगले को बेचने के एग्रीमेंट की सारी कार्यवाही तभी पूरी होगी, जब वह बंगले में मौजूद आत्मा को बाहर निकाल देगा, जिस आत्मा के चंगुल में यह बंगला है। इस आत्मा से छुटकारा पाने के लिए जैसे ही रेहान कार्रवाई शुरू करता है, बंगले के अतीत के रूप में एक नाम सामने आता है और यह नाम और फोटो एक खूबसूरत लड़की मीरा की है। रेहान सोचता है कि कोई इंसान एक खूबसूरत फोटो से कैसे प्यार कर सकता है? जब तक कि उसे इस बात का पता नहीं चल जाता कि आत्मा की वजह क्या है?
विक्रम भट्ट कहते है—’फिल्म ‘हंटेड’ बड़े बजट की एक थ्री डी फिल्म है। हॉरर के जॉनर में त्रियोलाजी पूरी करने यानी कि तीन फिल्में बनाने के बाद मुझे इस बात का अहसास हुआ कि अब मुझे विज्युअल के साथ खेलते हुए हॉरर फिल्म बनानी चाहिए। इसलिए मैंने थ्रीडी में ‘हंटेड थ्री डी’ बनायी है। हंटेड भारत की पहली स्टीरियोस्कोपिक थ्री डी हॉरर फिल्म हैं। इस फिल्म की शूटिंग थ्री डी में हुई है, जिस तरह से हालीवुड फिल्म ‘अवतार’ की हुई थी न कि बाद में इसे थ्री डी में बदला गया है।’
विक्रम भट्ट आगे कहते हैं—’हंटेड मेरे लिये बहुत ही चुनौतीपूर्ण फिल्म है। मेरे लिए यह चुनौती फिल्म के पटकथा लेखन के दौरान ही शुरू हो गयी थी क्योंकि हमें भारत की पहली नेक्स्ट जनरेशन स्टीरियोस्कोपिक थ्री डी फिल्म को विज्युअलाइज करना था। यह पूरी तरह से एकदम नयी तकनीक थी। इसकी स्टाइल, टेकनोलॉजी एकदम नयी है। हमें भी इस नई टेक्नोलॉजी से दो-चार होना था। इसलिए हमने इस नई टेक्नोलॉजी को सीखा, फिर उसका उपयोग किया। यह सबसे अहम बात रही। और इसके लिए मैं इस फिल्म की पूरी अतिप्रतिभाशाली टेक्निकल टीम को धन्यवाद देना चाहूंगा। इनके सहयोग के बगैर हम भारतीय सिनेमा में इस तरह का प्रयोग कभी नहीं कर सकते थे।’
‘डार मोशन पिक्चर्स’ व ‘बीवीजी फिल्म्स’ के तहत निर्मित फिल्म ‘हंटेड थ्री डी’ के निर्देशक विक्रम भट्ट, संगीतकार चिरंतन भट्ट, शरीब साबरी, तोशी साबरी, कैमरामैन प्रवीण भट्ट, थ्रीडी कैमरा, टोरंटो आधारित 3डीसीसी, ब्रेंट रॉबिंसन ( स्टीरियोग्राफर) क्रिस्टन जेम्स और कैसिडे (डीआईटी) माइकल रूबेन फ्लैक्स (डीएमटी) तथा इसके कलाकार हैं—महाअक्षय चक्रवर्ती, टिया बाजपेयी, अंचित कौर, आरिफ जकारिया, संजय शर्मा व अन्य।
फिल्म की कहानी का केंद्र डल्हौजी स्थित एक बंगला है। डल्हौजी की खूबसूरत पहाडिय़ों पर एक ग्लैन मैनोर नामक बंगला है, जिसका अपना एक अतीत हैं। इसमें वर्तमान में एक आत्मा का निवास है। आधी रात में ऐसी डरावनी आवाजों के साथ चीजें घटित होती हैं कि कोई भी भयभीत हो जाए। रेहान ने इसे खरीदा और बाद में बेच दिया, लेकिन करोड़ों रुपए के वह नुकसान में है क्योंकि उसके इस बंगले को बेचने के एग्रीमेंट की सारी कार्यवाही तभी पूरी होगी, जब वह बंगले में मौजूद आत्मा को बाहर निकाल देगा, जिस आत्मा के चंगुल में यह बंगला है। इस आत्मा से छुटकारा पाने के लिए जैसे ही रेहान कार्रवाई शुरू करता है, बंगले के अतीत के रूप में एक नाम सामने आता है और यह नाम और फोटो एक खूबसूरत लड़की मीरा की है। रेहान सोचता है कि कोई इंसान एक खूबसूरत फोटो से कैसे प्यार कर सकता है? जब तक कि उसे इस बात का पता नहीं चल जाता कि आत्मा की वजह क्या है?
विक्रम भट्ट कहते है—’फिल्म ‘हंटेड’ बड़े बजट की एक थ्री डी फिल्म है। हॉरर के जॉनर में त्रियोलाजी पूरी करने यानी कि तीन फिल्में बनाने के बाद मुझे इस बात का अहसास हुआ कि अब मुझे विज्युअल के साथ खेलते हुए हॉरर फिल्म बनानी चाहिए। इसलिए मैंने थ्रीडी में ‘हंटेड थ्री डी’ बनायी है। हंटेड भारत की पहली स्टीरियोस्कोपिक थ्री डी हॉरर फिल्म हैं। इस फिल्म की शूटिंग थ्री डी में हुई है, जिस तरह से हालीवुड फिल्म ‘अवतार’ की हुई थी न कि बाद में इसे थ्री डी में बदला गया है।’
विक्रम भट्ट आगे कहते हैं—’हंटेड मेरे लिये बहुत ही चुनौतीपूर्ण फिल्म है। मेरे लिए यह चुनौती फिल्म के पटकथा लेखन के दौरान ही शुरू हो गयी थी क्योंकि हमें भारत की पहली नेक्स्ट जनरेशन स्टीरियोस्कोपिक थ्री डी फिल्म को विज्युअलाइज करना था। यह पूरी तरह से एकदम नयी तकनीक थी। इसकी स्टाइल, टेकनोलॉजी एकदम नयी है। हमें भी इस नई टेक्नोलॉजी से दो-चार होना था। इसलिए हमने इस नई टेक्नोलॉजी को सीखा, फिर उसका उपयोग किया। यह सबसे अहम बात रही। और इसके लिए मैं इस फिल्म की पूरी अतिप्रतिभाशाली टेक्निकल टीम को धन्यवाद देना चाहूंगा। इनके सहयोग के बगैर हम भारतीय सिनेमा में इस तरह का प्रयोग कभी नहीं कर सकते थे।’
‘डार मोशन पिक्चर्स’ व ‘बीवीजी फिल्म्स’ के तहत निर्मित फिल्म ‘हंटेड थ्री डी’ के निर्देशक विक्रम भट्ट, संगीतकार चिरंतन भट्ट, शरीब साबरी, तोशी साबरी, कैमरामैन प्रवीण भट्ट, थ्रीडी कैमरा, टोरंटो आधारित 3डीसीसी, ब्रेंट रॉबिंसन ( स्टीरियोग्राफर) क्रिस्टन जेम्स और कैसिडे (डीआईटी) माइकल रूबेन फ्लैक्स (डीएमटी) तथा इसके कलाकार हैं—महाअक्षय चक्रवर्ती, टिया बाजपेयी, अंचित कौर, आरिफ जकारिया, संजय शर्मा व अन्य।
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