मुंबई। पत्रकार से फिल्म मेकर बने पंकज शुक्ल को इन दिनों कुछ नई कहानियों की आवश्यकता है। चूंकि वो खुद पत्रकार रहे हैं, लिहाजा चाहते हैं कि दूसरे पत्रकारों को भी फिल्म मेकिंग से जुड़ने का मौका मिले। कहानियां हिंदी या भोजपुरी भाषा में हो सकती हैं। पहले सिर्फ दो पन्नों में कहानी का सार भेजें। कथा सार पसंद आने पर लेखक से सीधे संपर्क किया जाएगा और उचित पारिश्रमिक के साथ अनुबंध भी किया जाएगा। कहानियों का विषय आज की युवा पीढ़ी से लेकर इतिहास के किरदारों तक कुछ भी हो सकता है, बस कहानी में तारतम्य और गति होना पहली शर्त है। कहानी एमएस वर्ड फॉर्मेट में मंगल फॉन्ट से टाइप होनी चाहिए। ये आमंत्रण पूर्णकालिक और अंशकालीन पत्रकारों दोनों के लिए खुला है। कहानियां भेजने की अंतिम तारीख 30 सितंबर 2008 है। कहानियां सिर्फ मेल से भेजें - pankajshuklaa@gmail.com