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Showing posts from January, 2015

‘ई कईसन बिदाई’ का सूरज एक जांबाज नौजवान है – समीर खान

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प्रतिष्ठा के साथ जन्तुविज्ञान स्नातक (जूलॉजी ऑनर्स) समीर खान भोजपुरी सिनेमा की एक नई उपलब्धि हैं। मांझा गढ़ , गोपालगंज (बिहार) से नई दिल्ली की उड़ान तो समीर ने सिविल सर्विस की तैयारी के लिए भरी थी , पर वहां श्रीराम सेंटर और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के कुछ कलाकार छात्रों से निकटता ने समीर के ह्रदय में भी कला की कूक भर दी। बस , एक प्रशासनिक अधिकारी बनने की आकांशी युवक एक अभिनेता बनने की तैयारी में लग गया। चोरी-चोरी चुपके-चुपके कुछ स्टंट , कुछ स्टेप्स भी सिख लिए। फिर , एक संयोग भी बना और समीर खान को लेकर एक फिल्म शुरु भी हो गई। फिल्म का शीर्षक था – ‘ आपन गऊंवा में हमरो परान बसेला ’ । फिल्म ने कमाल तो नहीं किया , पर उससे समीर के कमाल करने का रास्ता खुल गया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से ही रेपिटरी ग्रुप में निर्देश की मुकम्मल तैयारी में लगे साहिल सन्नी ने एक फिल्म शुरु कर दी ‘ ई कईसन विदाई ’ । फिल्म बस अगले माह प्रदर्शित होनेवाली है। समीर ने इसी संदर्भ में एक संक्षिप्त बातचीत हुई। प्रस्तुत है बातचीत के अंश –   ‘ ई कईसन विदाई ’ में कैसी भूमिका है ? एक पैसेवाले का बेटा ह

‘बहिनियों’ का बुकलेट – कैलेण्डर जारी

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बादल फिल्मस कृत भोजपुरी फिल्म ‘ बहिनियों ’ का बुकलेट और कैलेण्डर गत दिनों नालासोपार अवस्थित विश्व अघोर धर्म परिषद के मुख्य संचालक अवधूत संत अलख राम के कर-कमलों द्वारा जारी हुआ। इस फिल्म की शूटिंग इस आश्रम में भी की गई थी। अघोरबाबा भगवान राम के चमत्कारों की भी चर्चा इस फिल्म में है। इस फिल्म के लेखक-निर्देशक बादल आर. सिंह है। निर्मातागण हैं – राजकेश्वर सिंह , श्याम सिंह मतकारिया और बी.एन.सिंह उर्फ मुन्न यादव। ‘ बहिनियों ’ सोतेले भाई-बहन के ममत्व प्रेम की एक मार्मिक कहानी है , जिसे हर व्यक्ति पूरे मनोयोग से देख सकता है। सौतेली मां और बेटी की दास्तान तो पुरानी है। सौतेले भाई-बहण की कथा भोजपुरी फिल्मों के लिए बिल्कुल नई है। फिल्म के पटकथा व संवाद लेखन में बादल सिंह के साथ अरविंद कसेरा भी हैं। एक्शन रमाकांत मिश्रा का और नृत्य-निर्देशक देवेन्द्र चतुर्वेदी , ज्ञान सिंह , निक्की बत्रा तथा गणेश व इशु शेख हैं। शीघ्र प्रदर्शित होने वाली इस फिल्म के मुख्य कलाकार हैं – सीमा भतकरिया , बादल सिंह और सुदीप पांडेय। इनके साथ हैं – राजेश पुरी , मेहनाज , पुष्पा वर्मा , माधुरी मिश्रा ,

डबिंग में ‘क्रैजी लम्हे’

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आर.एम.एन. एंटरटेन्मेंट कृत ‘ क्रैजी लम्हे ’ की डबिंग एमिनेंट आई स्टूडियो में जोरों से चल रही है। मनीष पटेल और राकेश पटेल की इस मनोरंजक फिल्म के लेखक-निर्देशक दिलखुश ऋषिदेव है। इस फिल्म के सह-निर्माता मुकेश मिश्रा है। युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई इस फनी फिल्म में गुरु-शिष्य परम्परा की खूबियों-खामियों पर प्रकाश डाला गया है। संगीत क्षेत्र में जो भी कुछ गलत हो रहा है , उसका पर्दाफाश कर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाने की अपनी भी की गई है।  इस फिल्म की शूटिंग लगभग एक माह चली। मुंबई के अतिरिक्त गुजरात में सूरत और वडौदरा में भी शूटिंग की गई। ‘ क्रैजी लम्हे ’ में चार गाने हैं और चारों कर्णप्रिय है जिसकी धुन अमित शरत त्रिवेदी ने बनाई है। जबकि इस फिल्म के गीतकार सुरेश राणा एवं नदीम अहमद हैं। इन गीतों के लिए डी.सी. डेविड ने नृत्य निर्देशन किया है और कैमरामैन हैं श्यामल चक्रवर्ती। इस फिल्म के मुख्य कलाकार हैं – अनिरुद्ध दवे , जॉय मुखर्जी , शालिनी पांडेय , पांडेय , शिक्षा मिश्रा , एग्नेस सोनकर , शिरीन परवीन , जीतन मुखी , जावेद हैदर।

हास्य-मनोरंजन से भरपूर है ‘लव इन टेंशन’

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जे.एम.फिल्म्स प्रोडक्शन प्रा. लि. द्वारा प्रस्तुत है ‘ लव इन टेंशन ’ एक हास्यपूर्ण और मनोरंजक फिल्म है। यह कहना है फिल्म के निर्माता मुंदराज सिंह नागर और संजय पोसवाल का , जिनकी फिल्म शीघ्र ही प्रदर्शित होने वाली हैं। है ‘ लव इन टेंशन ’ के निर्देशक गीता तोमर और लेखक प्रकाश सिंह हैं। विकास झा का दिलकश संगीत युवा दर्शकों को खूब पसंद आएगा। गीत बालाजी साहनी और विकास झा के हैं। विकास लुईस और संजू का नृत्य निर्देशन है , राकेश खत्री का छायांकन और धरम का संपादन है। कॉलेज स्टूडेंट्स के जीवन के मस्ती भरे क्षणों को लेकर यह फिल्म बड़े ही रोचक तरीके से फिल्माई गई है। ‘ लव इन टेंशन ’ में हंसी के अनेक अवसर मिलेंगे। लेकिन , ऐसा नहीं है कि इसमें एक्शन या इमोशन नहीं है। यह तो एक संपूर्ण मनोरंजक फिल्म है। आपको हंसी आएगी कि कोई लड़का किसी लड़की को इसलिए प्यार के जाल में फांसता है , ताकि वह उसके घर चोरी कर सके। आगे क्या होता है , यह तो मुंदरा सिंह नागर बताते है , न ही संजय पोसवाल। आपको ‘ लव इन टेंशन ’ देखनी पड़ेगी।   ‘ लव इन टेंशन ’ के मुख्य कलाकार हैं – समीर चौधरी , अश्विनी , आयुष मनो

दीप्ति एन्टरटेनमेंट की शॉर्ट फिल्म ‘मी एंड माय डिवाईस’

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वृत्त चित्र ‘ वोमन्स टीयर्स ’ को विभिन्न फिल्मोत्सवों में सराहना और सम्मान मिलने के बाद निर्माता अभिजीत मुखर्जी एक दूसरी फिल्म लेकर आ रहे हैं - ‘ मी एंड माय डिवाईस ’ । यह एक शॉर्ट फिल्म है , जिसे वोमन्स टीयर्स वाले कल्याण बनर्जी ने ही निर्देशित किया है।  यह फिल्म किशोर-किशोरियों में बढ़ते इनडोर गेम्स व कम्प्यूटरीकृत उपकरणों के बेइंतहा उपयोग से उत्पन्न मानसिक-शारीरिक विकरों को लेकर चिंता प्रकट करती है। इस तरह के डिवाईस के चलते आज के बच्चे बाहरी दुनिया से कटते जा रहे हैं। आउट डोर गेम्स के प्रति उनकी अरुचि उन्हें एक कमरे में कैद करती जा रही है और वह काहिल बनते जा रहे हैं। शारीरिक रुप से वह कमजोर हो रहे हैं , जिसक प्रभाव मानसिक स्तर पर भी पड़ता है। युवापीढ़ी को इन तथाकथित घातक डिवाईसों से दूर रहने की नहीं , बल्कि इनके दुरुपयोग से बचने की सीख देती है दीप्ति एंटरटेनमेंट कृत लघुचित्र ‘ मी एंड माय डिवाईस ’ ।  फिल्म की कथा कल्याण बनर्जी की , पटकथा व संवाद श्वेता नाईक तथा पूनम के है। संपादन सुरेश नरकर का है , संगीत नयनमणि बर्मन का है और कैमरामैन के.बी. जॉन है। मुख्य कलाकार