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Showing posts from December, 2021

हॉलीवुड के तर्ज पर देश के कलाकारों को भी मिले रॉयलिटी

 शंकर मराठे  -- मुंबई, ९ दिसम्बर २०२१:- गोरखपुर के सांसद व फिल्‍म अभिनेता रवि किशन ने हॉलीवुड के तर्ज पर देश के तमाम फिल्‍म कलाकारों के लिए रॉयलिटी दिए जाने की आवाज उठाई। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में देश में सिनेमा के क्षेत्र में काफी विकास हुआ। लेकिन आज मैं सदन के माध्‍यम से अपनी सरकार से आग्रह करना चाहता हूं कि हॉलीवुड की तरह यहां भी रॉयलिटी सिस्‍टम लागू किया जाए। यानी जब भी किसी कलाकार की फिल्‍में रिलीज होने के बाद फिर से कहीं प्रदर्शित होती है, तो उसके लिए कलाकारों को रॉयलिटी मिले। ताकि उन्‍हें एक सहारा मिले। ऐसा हॉलीवुड और चीन में भी होता है। रवि किशन ने पूर्व मंत्री अरूण जेटली और सुषमा स्‍वराज को याद करते हुए कहा कि उन्‍होंने देश के सिंगर और लिरिक्‍स रायटर के लिए रॉललिटी की पहल की थी। आज उन्‍हें रॉयलिटी मिल रही है, जिससे पूरी म्‍यूजिक इंडस्‍ट्री उनका, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का शुक्रगुजार है। इसी तरह आज सिनेमा इंडस्‍ट्री की ओर से सदन के माध्‍यम से प्रधानमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि देश के तमाम कलाकारों के लिए चाहे वो बॉलीवुड हो, या कोई क

सुख-दु:ख...

 सायंकाळी एक दिवा लावा आपल्या दारी आनंदाने मातालक्ष्मी येईल आपल्या घरी सुखसमृध्दी आहेच आपल्या घरी नका शोधू दुस-यांच्या दारी जीवनात सुख-दु:खाचा डोंगर काही सरत नाही मानवाला कर्माची फळे भोगल्याशिवाय पर्यायच नाही - लेखक शंकर मराठे

हर इंसान ...

देनेवाला और लेनेवाला ऊपरवाला है, लेकिन फिर भी हर इंसान मेरा मेरा कहता है। हर इंसान खाली हाथ आता है और जाता है, लेकिन अपने नाम की जायदाद फ्री में छोडकर जाता है। हर इंसान अपने कर्मों के हिसाब से जीवन जीता है, फिर भी भगवान को दोष देता है। - लेखक शंकर मराठे

कोरोनाची फ्री पब्लिसीटी

जगात २०१९ मध्ये कोरोनाचे आगमन झाले आणि तेव्हा कोरोनाची फ्री पब्लिसीटी सुरु झाली. मीडियावाले तर कोरोनाची फ्री पब्लिसीटी अशी करतात कि जणू काही घबाड मिळाले. १ कोरोना पेशंट मिळाला की ब्रेकिंग न्यूज बनते व हजारों कोरोना पेशंट सापडले तरी ब्रेकिंग न्यूज बनते. - लेखक शंकर मराठे

नेता कसा असावा...

 नेता समाजसेवा करणारा असावा  परंतु समाजकार्यातुन मेवा खाणारा नसावा नेता जनतेच्या समस्या सोडविणारा असावा  परंतु जनतेला लुबाडणारा नसावा नेता परोपकारी असावा परंतु गोरगरीबांवर अन्याय करणारा नसावा   - लेखक शंकर मराठे

बुवा कसा असावा ...

बुवा ज्ञानी असावा परंतु संधीसाधू नसावा बुवा कर्मयोगी असावा परंतु कर्मकाण्ड करणारा नसावा बुवा समाजसेवा करणारा असावा परंतु मेवा खाणारा नसावा - लेखक शंकर मराठे